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प्रश्न :
हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा महानगरों से एकत्र किये गए पेयजल के नमूने गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे जो चिन्ता का विषय है, भारत में पेयजल की खराब गुणवत्ता के कारणों पर चर्चा करते हुए संभावित समाधान सुझायें।
04 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
• नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट का संक्षिप्त परिचय।
• भारत में पेयजल की खराब गुणवत्ता के कारणों की चर्चा करें।
• संभावित समाधानॉन का उल्लेख करें।
भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा हाल ही में दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता तथा चेन्नई जैसे महानगरों के पेयजल का परीक्षण किया जिसमें 11 में से 10 शहरों के नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे। इससे पूर्व नीति आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में माना था कि भारत जल संकट का सामना कर रहा है।
खराब गुणवत्ता के कारण
- जल शोधन में केवल क्लोरीनेशन का प्रयोग जिससे जीवाणुओं तथा अन्य सूक्ष्मजीवों को नष्ट किया जाता है किंतु इससे जल में घुलित लवण, क्षारीयता, विषाक्त धातुओं को समाप्त नहीं किया जा सकता।
- जल आपूर्ति हेतु प्रयुक्त पुराने पाइपों में रिसाव या लीकेज की स्थिति में जल दूषित हो जाता है।
- जल की माँग तथा आपूर्ति में अंतर होने के कारण जल की आपूर्ति में कमी की भरपाई सतही जल तथा भूजल से की जाती है, जिसमें आर्सेनिक की मात्रा अधिक पाई जाती है।
- जल राज्य सूची का विषय है। इससे केंद्र, राज्य तथा स्थानीय सकरार के मध्य समन्वय की समस्या पैदा होती है।
समाधान के बिंदु
- जल की गुणवत्ता का बार-बार परीक्षण किया जाना चाहिये।
- स्थानीय निकायों हेतु जल की गुणवत्ता के भारतीय मानकों का अनुपालन अनिवार्य किया जाना चाहिये।
- समाज के समृद्ध वर्ग के लिये जल हेतु मूल्य निर्धारित किया जाना चाहिये।
- जल उपचार को अधिकाधिक स्थानीयकृत किया जाना चाहिये।
- कृषि क्षेत्र में जल का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिये।
उपरोक्त के अलावा ज़हरीले अकार्बनिक प्रदूषकों तथा ठोस घुलित पदार्थों को हटा सकने की सक्षमता हेतु जल उपचार को अधिकाधिक स्थानीयकृत किया जाना चाहिये तथा वर्षा जल संचयन पर अधिकाधिक जागरूकता फैलाकर समस्या का समाधान सुनिश्चित किया जाना चाहिये।
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