यूरोपीय देशों की तुलना में विलंब से शुरू हुई जापान की औद्योगिक क्रांति की प्रकृति किन संदर्भों में पश्चिम से भिन्न थी? चर्चा कीजिये।
03 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास
हल करने का दृष्टिकोण: • जापान की औद्योगिक क्रांति की परिस्थितियों का उल्लेख करें। • पश्चिम की परिस्थितियों की चर्चा करें। • दोनों में भिन्नता के बिन्दुओं को स्पष्ट करें। |
औद्योगिक क्रांति की शुरुआत 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध तथा 19वीं सदी के पूर्वार्द्ध में इंग्लैंड में हुई, तत्पश्चात् इसका प्रभाव अन्य देशों में देखा गया।
जापान में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत 1868 में मेइजी शासन की पुर्नस्थापना के बाद शुरू हुई जिसमें पश्चिमी देशों से भिन्नता के गुण मौजूद थे।
पश्चिमी देशों में औद्योगिक क्रांति की शुरूआत में निजी कंपनियों की प्रमुख भूमिका थी, जबकि जापान के औद्योगीकरण में राज्य की भूमिका केंद्र में रही। सरकार ने भारी मात्रा में विदेशों से ऋण लेकर उद्योगों का विकास किया तथा बाद में उन्हें निजी कंपनियों को सौंप दिया। इस प्रकार जापान में औद्योगिक पूंजी का स्वतंत्र रूप से विकास नहीं हुआ क्योंकि निजी उद्यमियों का संबंध बैंकिंग घराने से था इसलिये नए औद्योगिक वर्ग का उदय यहाँ नहीं हुआ।
इसके अतिरिक्त पश्चिमी औद्योगिक क्रांति के पीछे उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन एक प्रमुख कारक था जबकि जापान में औद्योगीकरण की प्रक्रिया युद्ध उपकरणों के निर्माण की आवश्यकता से प्रेरित थी।
पश्चिमी औद्योगिक क्रांति जहाँ एक सहज प्रक्रिया का परिणाम थी, वही जापान में इन परिस्थितियों का अभाव था। जापान का संपर्क बाहरी दुनिया से देर से स्थापित होने के कारण अन्य देशों के मुकाबले उसके माल की मांग का सृजन भी देर से हुआं
इसके अतिरिक्त क्योंकि जापान में औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े मध्यम वर्ग का उदय नहीं हुआ जिसने राज्य की निरंकुशता पर नियंत्रण करने का प्रयास किया हो ऐसे में राज्य के अंतर्गत ही औद्योगिक पूंजीवाद का विकास हुआ।
निष्कर्षत उपरोक्त बिंदुओं से यह समझा जा सकता है कि जापान की औद्योगिक क्रांति बिंदुओं के पश्चिमी औद्योगिक क्रांति से भिन्न थी।