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प्रश्न :
‘प्रौद्योगिकी के अतिशय प्रसार ने बच्चों की भावनाओं को गहरे स्तर पर प्रभावित किया है। क्या आप इससे सहमत हैं? सोदाहरण स्पष्ट करें। (150 शब्द)
28 Dec, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
प्रश्न विच्छेद
• प्रश्न बच्चों के भावनात्मक विकास पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव से संबंधित है।
हल करने का दृष्टिकोण
• प्रथम भाग में उदाहरण के साथ बच्चों की भावनाओं पर प्रौद्योगिकी के नकारात्मक प्रभाव को लिखें।
• बच्चों पर प्रौद्योगिकी के सकारात्मक प्रभावों का भी उल्लेख करें।
• उपरोक्त विवेचन के आधार पर संतुलित निष्कर्ष दें।
वर्तमान समय में विकसित प्रौद्योगिकी का प्रभाव मानव समाज के हर वर्ग व तबके पर पड़ा है और बच्चे भी इसके अपवाद नहीं हैं। बाल मन कोमल व शीघ्र प्रभावित होने वाला होता है, इसलिये इन पर प्रभाव अधिक स्पष्ट व दीर्घगामी होता है। वर्तमान समय में मोबाइल, इंटरनेट, वीडियो गेम्स आदि ने बच्चों की भावनाओं को गहरे स्तर पर प्रभावित किया है इसे हम कुछ उदाहरणों से स्पष्ट रूप में समझ सकते हैं:
- इंटरनेट व सोशल मीडिया के इस युग में बच्चे आभासी संसार में अधिक लीन हो रहे हैं और उनका वास्तविकता से संबंध टूटता जा रहा है। आज बच्चों में जीवन की वास्तविक चुनौतियों से पलायन की प्रवृत्ति देखी जा रही है क्योंकि वे आभासी संसार की चकाचौंध को ही सच मान ले रहे हैं।
- बच्चों में हिंसक प्रवृत्ति का प्रसार अधिकाधिक देखने को मिल रहा है और बहुत हद तक इंटरनेट, गेम्स व टेलीविज़न कार्यक्रमों की हिंसात्मकता इसके लिये ज़िम्मेदार है।
- आज आभासी संसार में बच्चों के अत्यधिक रम जाने के कारण वे उसे ही सच मान लेते हैं और जब वह पूरा नहीं होता तो वे अवसाद व कुंठा से ग्रस्त हो जाते हैं।
- मानवीय संपर्क में कमी के कारण बच्चों में समानुभूति, सहानुभूति, सहयोग की भावना, सामाजिक कौशल जैसे गुणों का अभाव होता जा रहा है।
- एक प्रकार से तकनीकी ने बच्चों को रोबोटिक मानव बनाने का कार्य किया है।
परंतु प्रौद्योगिकी के प्रसार ने कई सकारात्मक प्रभाव भी उत्पन्न किये हैं जिन्हें नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। बच्चों की रचनात्मकता, सजगता आदि को बढ़ाने में प्रौद्योगिकी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। आज वास्तव में आवश्यकता इस बात की है कि प्रौद्योगिकी के सकारात्मक अनुप्रयोग की दिशा में माता-पिता बच्चों पर विशेष ध्यान दें। बच्चों पर प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के संदर्भ में एक संतुलित दृष्टिकोण प्रौद्योगिकी के लाभों को कई गुणा बढ़ा सकता है और इसके दुष्प्रभावों को बहुत हद तक सीमित कर सकता है।
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