इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    ‘कार्पोरेट सामाजिक जवाबदेही’ (CSR) की संक्षिप्त चर्चा करते हुए भारत में इससे संबंधित नियमों तथा इस क्षेत्र में हुई प्रगति पर टिप्पणी करें। (150 शब्द)

    14 Dec, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    सामान्य अर्थो में ‘कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्त्व’ (CSR) कार्पोरेट घरानों का समाज के प्रति जबावदेही को दर्शाता है। CSR को व्यापारिक और औद्योगिक कंपनियों द्वारा स्व-नियंत्रण के लिये अपनाया गया है जिसके अंतर्गत वे ऐसे व्यापारिक मॉडल के अनुसार काम करती हैं जो कानून-सम्मत, नैतिक मानकों एवं अंतर्राष्ट्रीय रीति के अनुकूल हाें। इसके अंतर्गत कंपनी द्वारा कुछ ऐसे कार्य किये जाते हैं जो पर्यावरण, आम जनता, उपभोक्ता, कर्मचारी तथा शेयरधारकों पर कुछ सकारात्मक प्रभाव डालें।

    भारत में CSR से संबंधित निश्चित कानूनी प्रावधान किये गए हैं। भारत विश्व का पहला देश है जहाँ कंपनियों के लिये CSR पर निश्चित राशि खर्च करने की बाध्यता है। कंपनी एक्ट-2013 की धारा 135 CSR के संबंध में बात करता है। इसके अनुसार:

    • प्रत्येक कंपनी जिसकी निवल संपत्ति 500 करोड़ रुपए या अधिक अथवा करोबार 1000 करोड़ रुपए या अधिक अथवा किसी वित्तीय वर्ष में निवल लाभ 5 करोड़ रुपए या अधिक है, वह एक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व समिति का गठन करेगा, जिसके बोर्ड में तीन या अधिक निदेशक होंगे और जिसमें कम-से-कम एक स्वतंत्र निदेशक होगा। यह बोर्ड CSR की रचना के संबंध में निर्णय लेगा।
    • कंपनियों को अपने कुल निवल लाभ का 2% CSR पर खर्च करना अनिवार्य है।
    • CSR के तहत गरीबी उन्मूलन, कुपोषण मुक्ति, भुखमरी से मुक्ति, स्वास्थ्य स्वच्छता शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण आदि के क्षेत्र में कार्य किये जा सकते है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow