भारत में यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन अगेंस्ट टॉर्चर की पुष्टि एवं यातना निरोधक कानून (एंटी-टॉर्चर लॉ) की आवश्यकता पर प्रकाश डालिये। भारत द्वारा यातना के उन्मूलन के लिये क्या कदम उठाए गए हैं? (250 शब्द)
13 Dec, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
प्रश्न विच्छेद पहला कथन यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन अगेंस्ट टॉर्चर की पुष्टि एवं यातना निरोधक कानून की आवश्यकता से संबंधित है। दूसरा कथन यातना के उन्मूलन के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदमों से संबंधित है। हल करने का दृष्टिकोण यातना के संदर्भ में भारत की स्थिति की चर्चा के साथ भूमिका लिखिये। यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन अगेंस्ट टॉर्चर की पुष्टि एवं यातना निरोधक कानून की आवश्यकता का उल्लेख कीजिये। भारत द्वारा यातना उन्मूलन के लिये उठाए गए कदमों की चर्चा कीजिये। निष्कर्ष लिखिये। |
विधि अयोग द्वारा केंद्र सरकार से यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन अगेंस्ट टॉर्चर की पुष्टि करने और एक सुदृढ़ यातना निरोधक कानून के निर्माण की अनुशंसा की गई है। देश में यातना से जुड़े मामलों में सबसे ज़्यादा मामले पुलिस यातना से संबंधित हैं। इसके अतिरिक्त घरेलू एवं औद्योगिक मामले अलग हैं। अत: यातना से जुड़े मामलों की गंभीरता को देखते हुए इन कदमों के साथ-साथ यातना निरोधक विधेयक, 2017 जैसे कदम अहम साबित होंगे।
यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन अगेंस्ट टॉर्चर की पुष्टि किये जाने की आवश्यकता का उल्लेख निम्नलिखित रूपों में वर्णित है:
यातना निरोधक कानून की आवश्यकता का उल्लेख निम्नलिखित रूपों में वर्णित है:
भारत द्वारा यातना के उन्मूलन के लिये उठाए गए कदमों की चर्चा निम्नलिखित रूपों में वर्णित है:
हिरासत में दी जाने वाली यातना राज्य द्वारा प्रयुक्त ‘मानवीय गरिमा को अपमानित’ करने का एक उपकरण है। यातना के उन्मूलन से जुड़े प्रत्येक कदम से मानवाधिकारों के मोर्चे पर राष्ट्र की छवि बेहतर होगी और अनेक ऐसे अपराधियों को वापस लाने में मदद मिलेगी जिन्हें विदेशी अदालतें भारत भेजने से इनकार कर देती हैं।