फ्राँसीसी क्रांति उस विशाल नदी की तरह थी, जो उच्च पर्वत शिखर से प्रारंभ होकर मार्ग में अनेक छोटे-बड़े पर्वतों को लांघती हुई कभी तीव्र गति से, तो कभी मंद गति से प्रवाहमान रही। कथन के संदर्भ में फ्राँसीसी क्रांति के स्वरूप का निर्धारण कीजिये।
उत्तर :
भूमिका में:-
फ्राँसीसी क्रांति के सामान्य परिचय से उत्तर प्रारंभ करें।
विषय-वस्तु में:-
भूमिका से लिंक रखते हुए क्रांति के स्वरूप-निर्धारण के साथ उसकी विशेषताओं पर चर्चा करें, जैसे :
मध्यवर्गीय स्वरूप:
- फ्राँसीसी क्रांति की शुरुआत तृतीय स्टेट के बुर्जुआ तत्त्वों के हाथों हुई थी।
- मानवाधिकारों की घोषणा में भी मध्यम वर्गीय प्रभाव दिखाई देता है।
- जैकोबियनों ने आतंक के राज्य में भी बुर्जुआ वर्ग के हितों को ही सर्वोपरि माना।
विश्वव्यापी स्वरूप:
- फ्राँस की क्रांति ने समकालीन यूरोप के राष्ट्रों को बहुमूल्य राजनीतिक आदर्श दिये।
- क्रांति आवश्यकताओं और परिस्थितियों के अनुसार अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये रणनीतियाँ और प्रक्रियाएँ परिवर्तित करती रही थी।
सामाजिक स्वरूप:
- अधिकारविहीन और अधिकारपूर्ण वर्गों में बँटे फ्राँसीसी समाज की कुंठा ने भी क्रांति को उत्प्रेरित किया।
अधिनायकवादी स्वरूप:
- रोबेस्पियर के हाथों में क्रांति अधिनायकवादी हो गई। आगे चलकर नेपोलियन ने भी अधिनायकवादी रुख अपनाया।
प्रगतिशील स्वरूप:
- क्रांति ने फ्राँस के समाज में व्याप्त तमाम विकृतियों, विसंगतियों और बुनियादी दोषों के विरुद्ध एक सशक्त प्रतिक्रिया दी। इस रूप में यह प्रगतिशील स्वरूप भी लिये हुए थी।
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।
नोट: निर्धारित शब्द-सीमा में उत्तर को विश्लेषित करके लिखें।