‘‘सिद्धांत, एक ऐसा सामान्य कानून या नियम है जो व्यवहार या निर्णयों का मार्ग-निर्देशन करता है, जबकि मूल्य आदर्श नैतिक अवस्था की आकांक्षा को सुस्पष्ट करता है।’’
दैनिक जीवन का उदाहरण लेते हुए ‘नीति संहिता’ (Code of Ethics) एवं ‘आचरण संहिता’ (Code of Conduct) के संदर्भ में उक्त कथन का विवेचन करें। (150 शब्द)
07 Dec, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न
प्रश्न विच्छेद • प्रश्न आचार संहिता और नीति संहिता में अंतर से संबंधित है। हल करने का दृष्टिकोण • नीति संहिता और आचार संहिता में अंतर के प्ररिप्रेक्ष्य में उपरोक्त कथन की संक्षिप्त व्याख्या कीजिये। • उदाहरण देते हुए नीति संहिता और आचार संहिता में भेद बताइये। • निष्कर्ष। |
नीति संहिता व आचरण संहिता को लेकर प्राय: भ्रांति की स्थिति रहती है। लोग आचरण संहिता और नीति संहिता को एक ही मानकर पर्याय के रूप में इसका प्रयोग करते हैं। परंतु दोनों में अंतर है और जेरेमी बेंथम का यह कथन इसी अंतर को स्पष्ट करता है।
नीति संहिता में आमतौर पर सामान्य मूल्य होते हैं, जबकि आचार संहिता स्पष्ट रूप से उन सिद्धांतों को बताती है जो मूल्यों से प्राप्त होते हैं। मूल्य सामान्यत: नैतिक उत्तरदायित्व होते हैं, जबकि सिद्धांत वे अपेक्षित नैतिक शर्तें या व्यवहार होते हैं जो मूल्यों का अनुसरण करते हैं।
मूल्य, राजनैतिक व सामाजिक सोच के उन उच्च ध्येयों को बताते हैं जिन्हें समाज प्राप्त करना चाहता है। इसके विपरीत आचरण संहिता का संकेंद्रण सीमित है। आचरण संहिता में वे विशिष्ट आचरण नियम होते हैं जो किसी संगठन के उच्चतर स्तर से लगाए गए होते हैं या किसी व्यवसाय की अनिवार्यताओं के तौर पर स्वेच्छा से अपना लिये जाते हैं। इसे हम उदाहरण से समझ सकते हैं।
न्याय एक महत्त्वपूर्ण मूल्य माना जाता है लेकिन यह शब्द स्वयं में हमें नहीं बताता कि यदि हम अपनी मूल्य प्रणाली में इसे शामिल कर लें तो आचरण या समाज की अवस्था के लिये कौन-सा नियम अनुसरित होगा। हमें यह दिखाने के लिये कि कार्य का कौन-सा पैटर्न न्याय के मूल्य को स्थापित करेगा, आचरण में न्याय के स्पष्ट सिद्धांत को शामिल करने की आवश्यकता होगी।
निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं नीति संहिता मूल्य को संदर्भित करती है और मूल्य साध्य है तो आचरण संहिता उसे प्राप्त करने का साधन।