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प्रश्न :
वॉन थ्यूनेन के कृषि भूमि उपयोग मॉडल की संक्षिप्त आलोचनात्मक व्याख्या कीजिये।
05 Dec, 2019 रिवीज़न टेस्ट्स भूगोलउत्तर :
प्रश्न विच्छेद
वॉन थ्यूनेन के कृषि भूमि उपयोग मॉडल की आलोचनात्मक चर्चा करनी है।
हल करने का दृष्टिकोण
वॉन थ्यूनेन के कृषि भूमि उपयोग मॉडल की संक्षिप्त चर्चा कीजिये।
मान्यताओं को बताइये।
आलोचना के बिंदुओं को स्पष्ट कीजिये।
निष्कर्ष लिखिये।
यह कृषीय अवस्थिति प्रारूपों के विश्लेषण का आनुभविक मॉडल है, जिसमें इस तथ्य पर ज़ोर दिया गया है कि बाज़ार से बढ़ती दूरी के साथ कैसे कृषि भूमि उपयोग में भिन्नता आती है। यह मॉडल दो पूर्वधारणाओं पर आधारित है, यथा- बाज़ार से दूरी के अनुसार फसल गहनता तथा भूमि उपयोग के प्रकार में अंतर।
यह मॉडल कुछ मान्यताओं/दशाओं पर निर्भर है जो निम्नलिखित प्रकार से हैं:
- नगर, कृषि क्षेत्र के अधिशेष उत्पादन का एकमात्र बाज़ार है और कृषि क्षेत्र नगर का एकमात्र आपूर्तिकर्त्ता।
- किसी विशेष फसल के लिये सभी को समान मूल्य।
- समस्त कृषि क्षेत्र एक समदैशिक सतह हो, जिसमें भू-भाग, स्थलाकृति और जलवायु में समरूपता हो।
- कृषक एक आर्थिक मानव है जो अपने लाभ को अधिकतम करने के लिये कृषि में संलग्न है।
- कृषक को बाज़ार की ज़रूरतों का पूर्ण ज्ञान है।
- नगर कृषि भूमि के केंद्र में है तथा आसपास कोई बाज़ार नहीं है।
- यातायात का एकमात्र साधन घोड़ा गाड़ी अथवा नाव है।
आलोचना के बिंदु:
- इसमें स्थानिक कारकों के संकेन्द्रण ने वातावरणीय कारकों को गौण बना दिया है।
- इसमें भौतिक कारकों के लाभ की उपेक्षा की गई है।
- कृषि वस्तुओं के विक्रय के एकमात्र बाज़ार केंद्र की अवधारणा वर्तमान में अव्यवहारिक है।
- आधुनिक परिवहन व्यवस्था के विकास ने दूरी के अनुपात में परिवहन की दर को कम कर दिया है।
- इसमें मांग कारक की उपेक्षा की गई है, जबकि मांग फसल प्रारूप तथा फसल भूमि उपयोग गहनता पर प्रभाव डालती है।
उपरोक्त आलोचनाओं के बावजूद विभिन्न स्थानीय मापकों के आधार पर वैश्विक स्तर से लेकर एकाकी गाँव तथा फार्मों तक इसे महत्ता मिली है। ग्रामीण और नगरीय भू-उपयोग प्रारूपों के अध्ययन में इस संकल्पना का बहुत अधिक महत्त्व है।
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