• प्रश्न :

    आपदा बचाव कार्यो के दौरान जख्मी व्यक्ति को आपातकालीन चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के संदर्भ में त्वरित ट्रॉमा केयर सेंटर की भूमिका का विश्लेषण कीजिये। (200 शब्द)

    02 Dec, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आपदा प्रबंधन

    उत्तर :

    प्रश्न विच्छेद

    आपदा के दौरान आपातकालीन चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के संदर्भ में त्वरित ट्रॉमा केयर सेंटर की भूमिका को स्पष्ट करना है।

    जलवायु परिवर्तन जनित प्राकृतिक आपदाओं की विभीषिका को स्पष्ट कीजिये।

    हल करने का दृष्टिकोण

    भूमिका लिखिये।

    आपदा के समय त्वरित ट्रॉमा केयर सेंटर की भूमिका का विश्लेषण कीजिये।

    निष्कर्ष दीजिये।

    आपदा प्राकृतिक या मानव निर्मित जोखिम के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती है, जिसका समाज व पर्यावरण पर नकारात्मक रूप से प्रभाव पड़ता है। आपदा जनित विपत्ति या विध्वंस से बड़ी मात्रा में मानव जीवन की क्षति होती है, मानव पीड़ित होते हैं तथा संपत्ति को हानि पहुँचती है। आपदा से पीड़ित व्यक्ति को शीघ्रताशीघ्र आपातकालीन चिकित्सीय सुविधा प्रदान करके आपदा से उत्पन्न मानव क्षति को कम किया जा सकता है। इस संदर्भ में त्वरित टॉमा केयर सेंटर अपनी प्रभावी भूमिका निभा सकता है।

    भारत कई आपदाओं के आधार पर अलग-अलग स्तर पर असुरिक्षत भू-भाग है। जहाँ कहीं भूस्खलन तो कहीं हिमस्खलन, कहीं बाढ़ तो कहीं भूकंप अपनी विभीषिका को प्रदर्शित करते रहते हैं। इसके अलावा मानवीय आपदाएँ जैसे- रेल व सड़क दुर्घटनाएँ आदि भी मनुष्य को प्रभावित करती रहती हैं। इन गंभीर परिस्थितियों में मानव क्षति को कम-से-कम करने हेतु तथा भयंकर रूप से जख्मी मरीज़ाें को पुन: स्वस्थ करने के उद्देश्य की पूर्ति हेतु त्वरित ट्रॉमा केयर सेंटर की व्यवस्था किया जाना अति आवश्यक है। इस सेंटर में आपदाग्रस्त व्यक्ति को गोल्डन आवर अर्थात् जख्मी होने के बाद एक घंटे के भीतर की अवधि में अस्पताल पहुँचाने से पूर्व प्रारंभिक इलाज हेतु रेफर किया जाता है जो मरीज़ की जीवन रक्षा हेतु अति आवश्यक है।

    आपदा पश्चात् बचाव कार्यों के अंतर्गत आपातकालीन चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सड़क दुर्घटना व अन्य आपदाओं के दौरान सुरक्षा हेतु सरकारी अस्पतालों में सुविधाएँ दुरुस्त करने के लिये कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक 100 किलोमीटर पर ट्रॉमा सेंटर स्थापित करना तथा स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के अंतर्गत निर्मित राजमार्गों पर प्रत्येक 50 किलोमीटर की दूरी पर सड़क परिवहन मंत्रालय की सहभागिता से एंबुलेंस की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अलावा आपदाग्रस्त क्षेत्र में तुरंत इलाज की सुविधा प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय मोबाइल अस्पताल की सुविधा प्रदान कर रहा है। 100 बेड वाले कंटेनर आधारित इस अस्पताल को रेल, सड़क या हवाई मार्ग से घटनास्थल तक पहुँचाया जा सकता है।

    भारत जैसे आपदा संवदेनशील राष्ट्र में आपदाओं या दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली ऊँची मृत्यु दर का मुख्य कारण निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में ट्रॉमा सिस्टम का उपलब्ध नहीं होना है, जिससे घटनास्थल पर ही पीड़ित व घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार प्राप्त नहीं हो पाता है और जीवन की क्षति का सामना करना पड़ता है।

    स्पष्ट है कि ट्रॉमा केयर सेंटर के माध्यम से आपदा के शिकार तथा दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को उचित देखभाल के लिये सही समय पर इलाज उपलब्ध कराया जाता है जिससे मानव क्षति को न्यूनतम करने के साथ ही उसे स्वस्थ कर समाज के लिये उपयोगी बनाकर पुन: समाज को लौटा दिया जाता है।