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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के महत्त्व पर प्रकाश डालिये। एनआरसी को अद्यतन करने के मार्ग में मौजूद चुनौतियों के समाधान से जुड़े उपायों को सुझाइये। (250 शब्द)

    25 Nov, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    प्रश्न विच्छेद

    • पहला कथन अद्यतन राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के महत्त्व के उल्लेख से संबंधित है।

    • दूसरा कथन एनआरसी को अद्यतन करने के मार्ग में उपस्थित चुनौतियों एवं इनके समाधान से जुड़े उपायों के उल्लेख से संबंधित है।

    हल करने का दृष्टिकोण

    • एनआरसी के विषय में संक्षिप्त उल्लेख के साथ परिचय लिखिये।

    • अद्यतन एनआरसी के महत्त्व का उल्लेख कीजिये।

    • एनआरसी को अद्यतन करने के मार्ग में मौजूद चुनौतियों का उल्लेख कीजिये।

    • चुनौतियों के समाधान से जुड़े उपायों का उल्लेख कीजिये।

    एनआरसी में असम के पंजीकृत भारतीय नागरिकों के नाम सम्मिलित हैं। भाषा एवं नृजातीय आंदोलनों जैसे कारणों की वजह से 1951 से इसे अद्यतन नहीं किया गया। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के 2014 के निर्णय के बाद से इस पर ध्यान दिया जा रहा है। इसका ध्येय बांग्लादेश से होने वाले अवैध प्रवासन का सामना करने हेतु 1985 के समझौते को निगमित करना है।

    अद्यतन एनआरसी के महत्त्व का उल्लेख निम्नलिखित रूपों में वर्णित है:

    • इसके द्वारा बांग्लादेश एवं नेपाल से आए अवैध प्रवासियों की पहचान कर असम की स्थानीय जनसंख्या के समक्ष उपस्थित पहचान के संकट की समस्या का समाधान किया जा सकता है।
    • इससे न केवल ऑल असम स्टूडेंट यूनियन एवं अन्य समूहों द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान होगा बल्कि राज्य में शांतिपूर्ण राजनीतिक स्थिति का मार्ग प्रशस्त होगा।
    • इसके माध्यम से अवैध प्रवास से जुड़ी सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के समाधान एवं अवैध प्रवासियों को चिन्हित कर उन्हें देश वापस भेजने से संसाधनों पर पड़ने वाले दबाव में कमीं भी लाई जा सकती है।

    एनआरसी को अद्यतन करने के मार्ग में उपस्थित चुनौतियों का उल्लेख निम्नलिखित रूपों में वर्णित है:

    • नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6(क) के तहत असमानता एवं भेदभाव के आधार पर उठाए गए मुद्दे उच्चतम न्यायालय में अभी भी लंबित हैं।
    • नागरिकता संशोधन विधेयक, 2016 में अफगानिस्तान, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन आदि धर्मों से संबंधित अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता हेतु योग्य माना गया है जो एनआरसी को अद्यतन बनाने के मार्ग में अवरोधक हैं और असम की स्थानीय जनता की मांगों के प्रतिकूल हैं।
    • एनआरसी को अद्यतन करने की प्रक्रिया की प्रमाणिकता को लेकर प्रारूप में अवैध प्रवासियों की संख्या को प्रदर्शित न करने के चलते प्रश्न उठ रहे हैं। पारदर्शिता एवं इसमें निहित संभावित राजनीतिक लाभों के चलते इस पर संदेह किया जा रहा है।
    • बांग्लादेश के सहयोग एवं एक सुपरिभाषित प्रत्यर्पण संधि के अभाव के कारण निर्वासन मानवीय संकट में तब्दील हो रहा है। एनआरसी में अभी तक सम्मिलित नहीं होने वाले व्यक्तियों को अपनी राष्ट्रीयता के सत्यापन की जटिल प्रक्रिया से दो-चार होना पड़ रहा है।
    • चुनौतियों के समाधान से जुड़े उपायों का उल्लेख निम्नलिखित रूपों में वर्णित है:
    • चिन्हित गैर-नागरिकों को द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि लागू किये जाने तक वर्क परमिट उपलब्ध कराना चाहिये।
    • सीमा पर बाड़ लगाने एवं आधुनिकतम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सहायता से फिजिकल फेंसिंग को प्रोत्साहित करना चाहिये।
    • भारत एवं म्याँमार के बीच किये गए उपायों की तरह सीमा क्षेत्रों के नागरिकों को परमिट एवं बहुउद्देशीय पहचान मुहैया कराने जैसे उपायों को शामिल करना चाहिये।
    • स्थानीय नेताओं एवं विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं को सरल दस्तावेज प्रमाणीकरण में सहयोग के लिये सम्मिलित करना चाहिये। इस हेतु संबंधित देशों के राजनयिकों से भी सलाह-मशविरा करना चाहिये।

    एनआरसी को समय दर समय अद्यतन करना नितांत आवश्यक है। इससे पूर्वोतर राज्यों के साथ-साथ संपूर्ण देश में शांति एवं सुरक्षा पर आधारित सतत् एवं समावेशी विकास को धरातल पर लाने में सहायता मिलेगी।

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