एक व्यक्तिगत ईश्वर के प्रति निष्ठा भक्ति आंदोलन की मूल विशेषता थी। इसके औचित्य को प्रमाणित कीजिये। (150 शब्द)
22 Nov, 2019 रिवीज़न टेस्ट्स इतिहास
प्रश्न विच्छेद • भक्ति आंदोलन के दौरान संतों द्वारा व्यक्तिगत ईश्वर के प्रति निष्ठा को प्रमाणित कीजिये। हल करने का दृष्टिकोण • सर्वप्रथम भूमिका लिखिये। • व्यक्तिगत ईश्वर के प्रति निष्ठा के औचित्य पर चर्चा कीजिये। • निष्कर्ष दीजिये। |
मध्यकालीन भारतीय हिंदू समाज के धार्मिक जीवन में भक्ति आंदोलन के रूप में महत्त्वपूर्ण चेतना व जागृति का विकास हुआ। भक्ति काल में प्रत्येक सामाजिक, धार्मिक सुधारक संत के द्वारा समाज में किसी विशेष भगवान के प्रति भक्ति या आस्था का प्रचार -प्रसार किया गया जो इसे भक्ति आंदोलन की महत्त्वपूर्ण विशेषता बनाता है। यह भारत में बहुदेववाद की स्थापित पंरपरा से भिन्न था।
भक्ति आन्दोलन का प्रसार:
स्पष्ट है कि मध्यकालीन भारत का भक्ति आंदोलन अपने व्यक्तिगत ईश्वर के प्रति निष्ठा के प्रकटीकरण के संदर्भ में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है परंतु इसका तात्पर्य यह नहीं है कि इन संतों ने अन्य की उपेक्षा की या आलोचना की। इन्होंने केवल अपने आराध्य के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना को अभिव्यक्त किया।