प्रदेश की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए सांस्कृतिक प्रदेशों का वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिये।
उत्तर :
प्रश्न विच्छेद
• प्रदेश की अवधारणा तथा सांस्कृतिक प्रदेश के वर्गीकरण की चर्चा।
हल करने का दृष्टिकोण
• प्रदेश की अवधारणा को स्पष्ट कीजिये।
• संक्षेप में प्रदेश के लक्षण बताइये।
• सांस्कृतिक प्रदेशों का वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिये।
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‘प्रदेश’ की संकल्पना एक सक्रिय, परिवर्तनात्मक एवं गतिशील अवधारणा है। इसे कई रूपों में परिभाषित किया गया है जैसे- ब्लाश ने समान प्राकृतिक व सांस्कृतिक क्षेत्रों को प्रदेश के रूप में परिभाषित किया है। हरबर्टसन ने जलवायविक विशेषताओं के आधार पर संपूर्ण विश्व को वृहत् प्राकृतिक प्रदेशों में बाँटा है। वस्तुत: प्रदेश की संकल्पना कोई नई नहीं है, आदिकालीन मानव भी प्रतिकूल पर्यावरणीय अवस्थाओं में अनुकूल प्रदेश की खोज में संलग्न था।
प्रदेश के लक्षण:
- प्रदेश एक अवस्थिति धारणा है, जिसे उसकी अपनी स्थिति के आधार पर भी संबोधित किया जा सकता है, जैसे- सुदूर पूर्व।
- इनका स्थानिक विस्तार होता है जिसे धरातल पर व्यक्त किया जाता हैं, जैसे-थार मरुस्थल।
- इनकी सीमा होती है जो इनका बाह्य छोर होता है तथा यह दूसरे क्षेत्र से इनकी भिन्नता को दर्शाता है।
- ये औपचारिक अथवा कार्यपरक हो सकते हैं। औपचारिक प्रदेश सर्वत्र एक समान गुण का आभास (मानसून प्रदेश) कराते हैं, जबकि कार्यपरक प्रदेश अंतर्क्रिया और आसपास के क्षेत्रों से जुड़ाव को दर्शाते (नगर प्रदेश) हैं।
- प्रदेश पदानुक्रमित होते हैं तथा इनकी सीमाएँ परिवर्तित होती रहती हैं।
सांस्कृतिक प्रदेश:
- सांस्कृतिक प्रदेश वह क्षेत्र होता है जहाँ मानव समूह के सांस्कृतिक लक्षणों की पहचान होती है जो एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होता है। इस भिन्नता से मानवीय क्रियाकलाप, व्यवसाय और स्थान के संघटन में विभेद विकसित होता है। इसी आधार पर सांस्कृतिक प्रदेशों का वर्गीकरण किया गया है।
जनसंख्या प्रदेश:
- जिन क्षेत्रों को जनसांख्यिकीय लक्षणों के आधार पर चिह्नित किया जाता है, जनसंख्या प्रदेश कहलाते हैं। यह आधार जनंसख्या का उच्च अथवा निम्न घनत्व, आयु व लिंग संरचना, जन्म व मृत्यु दर तथा साक्षरता आदि में से कुछ भी हो सकता है।
भाषायी प्रदेश:
- भाषा सांस्कृतिक प्रादेशीकरण का एक अन्य लक्षण है। संसार के भिन्न-भिन्न भागों एवं समाजों में अलग-अलग भाषाओं के आधार पर प्रदेशों का निर्धारण किया गया है, जैसे-इण्डो-ईरानियन, साइनो तिब्बत आदि।
धार्मिक प्रदेश:
- धर्म के आधार पर जैसे-ईसाई, यहूदी, बौद्ध आदि प्रदेशों की पहचान की जाती है।
आर्थिक प्रदेश:
- ये क्षेत्र के संसाधनों एवं आर्थिक क्रियाओं के आधार पर निर्धारित किये जाते हैं। आर्थिक प्रदेश नियोजन में लाभदायक हाते हैं।
औद्योगिक प्रदेश:
- औद्योगिक घटकों के आधार पर चिह्नाकिंत प्रदेश, जैसे-मुंबई-अहमदाबाद प्रदेश, मद्रास-कोयम्बटूर प्रदेश, आदि इसमें आते हैं।
कृषि प्रदेश:
- वृहद उपजों के आधार पर कृषि प्रदेशों का निर्धारण किया जाता है, जैसे- दक्षिण एशिया का जूट प्रदेश।
इसी प्रकार अन्य गतिविधियों के आधार पर भी सांस्कृतिक प्रदेशों का निर्धारण किया गया है।