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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    जलवायवीय विशेषताओं के अनुसार देखें तो विषुवतीय क्षेत्र में मृदा अत्यधिक उत्पादक व कृषि उत्पादन अधिक होना चाहिये तथा शीतोष्ण क्षेत्र में मृदा कम उत्पादक व कृषि उत्पादन कम होना चाहिये परंतु वास्तविकता इसके ठीक विपरित है, क्यों? स्पष्ट कीजिये। (200 शब्द)

    20 Nov, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण

    उत्तर :

    प्रश्न विच्छेद

    • कृषि उत्पादकता के संदर्भ में विषुवतीय क्षेत्र तथा शीतोष्ण क्षेत्र की मृदा की विशेषताओं की चर्चा करनी है।

    हल करने का दृष्टिकोण

    • एक प्रभावी भूमिका लिखिये।

    • विषुवतीय क्षेत्र की तुलना में शीतोष्ण क्षेत्र की मृदा में कृषि उत्पादन अधिक होने के कारणों की चर्चा कीजिये।

    मृदा तंत्र पर्यावरणीय एवं जैविक प्रक्रमों का प्रतिफल होता है। जलवायु का मृदा की उत्पादकता पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। उच्च तापमान एवं पर्याप्त आर्द्रता वाली जलवायु की मृदा अधिक उत्पादक होती है। इस दृष्टि से विषुवतीय क्षेत्र की मृदा कृषि उत्पादन के लिये शीतोष्ण क्षेत्र की मृदा से अधिक उपयुक्त होनी चाहिये किंतु वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। इसके कारण निम्नानुसार हैं:

    • विषुवतीय क्षेत्र में वर्षभर उच्च तापमान और अत्यधिक वर्षा के कारण वनस्पतियों का उच्च घनत्व पाया जाता है।
    • विषुवतीय क्षेत्र की मृदा में पोषकों का अभाव होता है, यदि उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों को काट दिया जाए, तो यह शीतोष्ण क्षेत्र के वनों की तुलना में शीघ्र पुनर्योजित नहीं हो पाते है।
    • इस क्षेत्र की मृदा के ऊपर बैक्टीरिया द्वारा पत्तियों के तीव्र अपघटन के कारण ह्यूमस की मोटी परत बन जाती है किंतु एक बार इस परत के हट जाने पर अत्यधिक वर्षा के कारण निक्षालन की तीव्र प्रक्रिया के कारण ह्यूमस का निर्माण नहीं हो पाता है। यही कारण है कि अत्यधिक उत्पादक होने के बावजूद कृषि उत्पादन अधिक नहीं हो पाता है। इसे झूम कृषि के संदर्भ में समझा जा सकता है।
    • इसके विपरीत शीतोष्ण क्षेत्र में सीमित अवधि के लिये ही किंतु पर्याप्त मात्रा में वर्षा प्राप्त होती है। यहाँ वर्षभर ह्यूमस बनने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। यहाँ वर्षा द्वारा निक्षालन की प्रक्रिया अत्यंत मंद होती है। यही कारण है कि यहाँ पर मृदा की उत्पादकता एवं कृषि उत्पादन विषुवतीय क्षेत्र की तुलना में अधिक है।

    उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है कि विषुवतीय क्षेत्र की मृदा (तीव्र निक्षालन प्रक्रिया के कारण ही) उपयुक्त जलवायु विशेषताओं के बावजूद उच्च कृषि उत्पादन की दृष्टि से शीतोष्ण क्षेत्र की मृदा से कम उत्पादक होती है।

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