भारत-म्याँमार के बीच भूमि वीज़ा की वर्तमान स्थिति को स्पष्ट करें, साथ ही नए वीज़ा मानदंडों की चर्चा करते हुए इनके लाभों को स्पष्ट करें।
10 Aug, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
उत्तर की रूपरेखा
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उत्तर-पूर्वी राज्यों और म्याँमार के बीच कनेक्टिविटी को प्रोत्साहन देने के लिये मोरेह (मणिपुर) और तमू (म्याँमार) के माध्यम से भूमि सीमा पार करने के लिये वीज़ा मानदंडों में छूट देने का फैसला किया गया है। उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की म्याँमार यात्रा के दौरान दोनों देशों ने इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।
वर्तमान में म्याँमार की यात्रा करने वाले भारतीयों को परमिट लेने के लिये यांगून में आवेदन करना आवश्यक होता है तथा परमिट मिलने में 20-30 दिन का समय लगता है। एक बार परमिट मिलने के बाद यात्री वीज़ा के लिये आवेदन कर सकता है। इसके अलावा, भू-यात्रा के लिये भारतीयों को वीज़ा शुल्क के अलावा, टूर गाइड के लिये भी 40 डॉलर का भुगतान करना पड़ता है।
नए मानदंडों के अनुसार, म्याँमार भू-यात्रा पर परमिट के प्रावधान को खारिज कर देगा, जिससे पर्यटकों और व्यापारी यात्रियों दोनों के लिये भू-मार्ग के माध्यम से आवागमन सरल हो जाएगा।
नए वीज़ा मानदंडों से लाभ
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भूमि सीमा पार करने के संबंध में भारत और म्याँमार के बीच समझौते को मंज़ूरी दे दी है।