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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    महमूद गवाँ एक योग्य सेनापति, कठोर प्रशासक तथा कला का महान आश्रयदाता था। टिप्पणी करें।

    08 Nov, 2019 रिवीज़न टेस्ट्स इतिहास

    उत्तर :

    प्रश्न विच्छेद

    • कथन महमूद गवाँ के एक योग्य सेनापति, कठोर प्रशासक और कला के महान आश्रयदाता होने से संबंधित है।

    हल करने का दृष्टिकोण

    • महमूद गवाँ के बारे में संक्षिप्त उल्लेख के साथ परिचय लिखिये।

    • महमूद गवाँ के एक योग्य सेनापति, कठोर प्रशासक और कला के महान आश्रयदाता होने के संदर्भ में उल्लेख कीजिये।

    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    बहमनी साम्राज्य की शक्ति मुहम्मद शाह तृतीय के शासन के अंतर्गत अपने शिखर पर पहुँच गई थी। मुहम्मद शाह की सफलता उसके मंत्री महमूद गवाँ की सलाह और सेवाओं के कारण थी।

    महमूद गवाँ को निम्नलिखित आधारों पर एक योग्य सेनापति, कठोर प्रशासक और कला का महान आश्रयदाता कहा जा सकता है:

    • महमूद गवाँ 20 वर्षों तक राजकीय क्रियाकलापों पर हावी रहा। इस दौरान उसने बहमनी सल्तनत की सीमाओं को पूरब और पश्चिम में बढ़ाने का प्रयास किया जिसमें उसे काफी हद तक सफलता भी हासिल हुई।
    • महमूद गवाँ का प्रमुख सैनिक अभियान दाभोल एवं गोवा का था। इन क्षेत्रों के हाथ से निकल जाने से जहाँ विजयनगर को व्यापक क्षति हुई, वहीं बहमनी की ईरान एवं इराक आदि के साथ व्यापार में वृद्धि हुई। इससे आतंरिक व्यापार एवं उत्पादन में भी उन्नति हुई।
    • महमूद गवाँ ने अनेक सुधार किये जिनमें से कई तो अमीरों की शक्ति को सीमित करने के लिये थे। प्रत्येक अमीर के वेतन एवं दायित्व निर्धारित कर दिये गए थे।
    • महमूद गवाँं ने सांस्कृतिक सेतु के रूप में ईरान एवं रोम (टर्की) सहित पश्चिम एशिया के कुछ प्रमुख देशों के साथ निकट संबंध स्थापित किये जिससे उत्तर भारत में भिन्न संस्कृति का विकास हुआ और इसने मुगल संस्कृति को भी प्रभावित किया।
    • महमूद गवाँं ने बीदर में एक भव्य मदरसा अथवा महाविद्यालय का निर्माण करवाया जिसमें एक हज़ार शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था थी। इसके आग्रह पर ईरान एवं इराक के सर्वाधिक प्रसिद्ध विद्वान इस मदरसे से जुड़े भी थे।

    उपर्युक्त विशेषताओं के बावजूद महमूद गवाँं की अपनी कमियाँ भी थीं। उसने उन कमियों को दूर करने का प्रयास किया लेकिन दलगत झगड़ों पर अंकुश नहीं लगा पाया जिससे विरोधियों को युवा सुल्तान के कान भरने में सफलता मिली, परिणामस्वरूप उसे मृत्युदंड दे दिया गया।

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