भारत में पुलिस व सशस्त्र बलों के संदर्भ में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिये। (250 शब्द)
05 Nov, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भारतीय समाजमानव इतिहास पर गौर करें तो जब भी देश की रक्षा की बात आई है तब नारी शक्ति किसी-न-किसी रूप में इसका हिस्सा रही है। आज महिलाएँ पूरी दुनिया में सैन्य क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही हैं साथ ही भारत भी युद्धक भूमिकाओं में महिलाओं को शामिल करने की ओर तेज़ी से कदम उठा रहा है। भारत में महिलाओं ने 1990 के दशक में आर्मी में जाना शुरू किया।
भारतीय नौसेना की पहली महिला लेफ्टिनेंट पुनीता अरोड़ा व पहली महिला आई.पी.एस. अधिकारी किरण बेदी से लेकर वर्तमान तक पुलिस व सशस्त्र बलों की स्थिति में सुधार आया है और ये परिवर्तन पिछले 35 वर्षों में तीव्रता से परिलक्षित हुए हैं।
आज भारतीय महिलाएँ सक्रिय कार्यबल का हिस्सा बनने में एक लंबा सफर तय कर चुकी हैं। उन्होंने पुलिस और पैरा-मिलिट्री जैसे विभागों में सभी बाधाओं को पार किया है।
गत दिनों सरकार ने सैन्य पुलिस बल में अधिकारी से नीचे के पदों पर महिलाओं की भर्ती करने का निर्णय लिया है, यह कदम महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में सहायक होगा। 12 राज्यों में पुलिस बल में महिलाओं के लिये 30% या अधिक का आरक्षण निर्धारित करने वाले नियम वर्षों से लागू हैं।
परंतु इन उपायों के बावजूद आज भी स्थिति संतोषजनक नहीं है। महिलाओं का अल्प प्रतिनिधित्व इस तथ्य को उजागर करता है कि सुरक्षाबलों में उन्हें अभी भी सभी रैंकों पर ‘वे’ बनाम ‘हम’ के रूप में माना जाता है। महिलाओं की तैनाती का निर्णय आज भी लैंगिक रूढ़िवादिता से मुक्त नहीं है जो महिलाओं को अग्रणी भूमिका निभाने से रोकता है। अलग शौचालयों की व्यवस्था न होना, महिलाओं के लिये पृथक आरामगृहों की कमी, अलग आवासों का अभाव आदि के कारण लैंगिक उदासीनता की स्थिति आज भी विद्यमान है। सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास आज भी पितृसत्तात्मक मानसिक विचारधारा का सामना कर रहे हैं।
मानसिक व शारीरिक दुर्बलता का हवाला देकर उनकी भागीदारी को रोकने की कोशिश हमारी मानसिक दुर्बलता की परिचायक है। जिस दिन यह विचारधारा बदल जाएगी उस दिन हर क्षेत्र में महिलाओं की समान एवं सशक्त भागीदारी के साथ-साथ महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों की संख्या में भी आश्चर्यजनक कमी आ जाएगी। एक विकसित विचारधारा पाले सशक्त ढेरा के निर्माण में इस पक्ष की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।