जैसे सूर्य की किरणें समस्त संसार में विकसित होती हैं, चाहे आगे या पीछे, वैसे ही प्रज्ञा का प्रकाश किसी एक महाद्वीप तक कैसे सीमित रह सकता है? पुनर्जागरण के दौरान उपजे विचार के संदर्भ में उक्त कथन की विवेचना कीजिये।
उत्तर :
भूमिका में :-
पुनर्जागरण को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारंभ करें।
विषय-वस्तु में :-
पुनर्जागरण के सकारात्मक प्रभाव को लिखें, जैसे :
- पुनर्जागरण युग में लौकिक जगत के प्रति आस्था, मानववाद का विकास, तर्क की महत्ता, प्राकृतिक सौंदर्य की अनुभूति जैसे आदर्शों एवं मूल्यों को पुनः महत्त्व दिया जाने लगा।
- नई जाग्रति ने लोगों को भौगोलिक खोजों के लिये प्रेरित किया।
- इसने अभिव्यक्ति की प्रतिष्ठा, पुरातन के प्रति मोह, राज्य एवं धर्म का पृथक्करण एवं राष्ट्रीयता का विकास, तर्क एवं विवेक को महत्त्व दिया।
- पुनर्जागरण युग में कला, साहित्य एवं विज्ञान के विकास ने लोगों के समक्ष तर्क-वितर्क के लिये संसाधनों की सुलभता को सुनिश्चित किया।
- पुनर्जागरण के प्रभाव स्वरुप फ्राँसीसी क्रांति द्वारा सामंती व्यवस्था पर कुठाराघात तथा लोकतंत्र के सिद्धांतों का प्रतिपादन किया गया।
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।
नोट : निर्धारित शब्द-सीमा में विश्लेषित करके लिखें।