‘‘नेताओं का दृष्टिकोण एवं उनके निर्णय ही किसी राष्ट्र के भाग्य का फैसला करते हैं।’’ इस कथन के आलोक में, भारत को एकजुट करने और इसे एक लोकतांत्रिक स्वरूप प्रदान करने में पंडित नेहरू तथा सरदार पटेल की भूमिका का विश्लेषण कीजिये। (250 शब्द)
30 Oct, 2019 रिवीज़न टेस्ट्स इतिहास
प्रश्न विच्छेद • भारत के एकीकरण व इसे लोकतांत्रिक स्वरूप प्रदान करने में नेहरू व पटेल की भूमिका को बताना है। हल करने का दृष्टिकोण • कथन के अनुसार उत्तर प्रारंभ करें। • भारत को एकजुट करने में नेहरू व पटेल की भूमिका को बताएँ। • इसे लोकतांत्रिक स्वरूप प्रदान करने में भूमिका को स्पष्ट करें। • प्रभावी निष्कर्ष लिखें। |
स्वतंत्रता उपरांत भारत के समक्ष कई चुनौतियाँ विद्यमान थीं, जिनमें तीन प्रमुख चुनौतियाँ थीं- देश का एकीकरण, लोकतांत्रिक व्यवस्था को कायम करना और समावेशी विकास। इनमें देश के एकीकरण को प्राथमिकता प्रदान की गई लेकिन समस्या यह थी कि देश में विद्यमान देशी रियासतों का एकीकरण कैसे किया जाए? उस समय कुल रजवाड़ों की संख्या 565 थी और इनमें से कुछ भारत संघ में शामिल होना नहीं चाहते थे।
इस प्रकार पं. नेहरू व सरदार पटेल का देश के एकीकरण व इसे लोकतंात्रिक स्वरूप प्रदान करने में सराहनीय योगदान रहा है।