अज्ञेय के यात्रा-साहित्य का परिचय देते हुए उसके वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालिये।
26 Oct, 2019 रिवीज़न टेस्ट्स हिंदी साहित्यहिन्दी साहित्य में अज्ञेय की महत्वपूर्ण पहचान का कारण उनकी कविताओं, कथा-साहित्य, संस्मरणों एवं चिन्तन-ग्रंथों के साथ-साथ उनका यात्रा-साहित्य भी है। ‘अरे यायावर रहेगा याद’ तथा ‘एक बूँद सहसा उछली’ उनके महत्वपूर्ण यात्रा-वृत्तांत हैं और ये संपूर्ण हिन्दी यात्रा-साहित्य में अद्वितीय स्थान रखते हैं।
‘अरे यायावर रहेगा याद’ में भारतीय क्षेत्रों की यात्रा का वर्णन है। असम, पंजाब, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश आदि के विभिन्न भागों के यात्रा-वर्णन इसमें संकलित हैं। ‘एक बूँद सहसा उछली’ में अज्ञेय ने अपनी यूरोपीय यात्रा को सृजनात्मक रूप प्रदान किया है। इसमें भौगोलिक स्वरूप के साथ-साथ यूरोप के वर्तमान परिवेश को समझने और उसके कारण जानने के प्रयत्न में उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का संकेत है। विभिन्न देशों या नगरों के नागरिक चरित्र का विश्लेषण है। उनके रहन-सहन, शिष्टाचार, सभ्यता, आपसी संबंध, स्वभाव आदि का उल्लेख है। संपूर्ण यूरोप की चेतना को समझने की चेष्टा है। यूरोप के विभिन्न देशों की विशिष्टताओं की पृथक-पृथक पहचान है।
कुल मिलाकर अज्ञेय अपने यात्रा-साहित्य में यात्रा-स्थलों की ही भरपूर जानकारी नहीं देते, उनसे जुड़े मानव के इतिहास और सांस्कृतिक चरित्र पर भी उनकी आँख बराबर रहती है। उनमें कवि-कथाकार और संस्कृति-चिंतक का संश्लिष्ट व्यक्तित्व बोलता दिखाई देता है। अनुभव की प्रामाणिकता तथा अनुभूति की गहराई उनके यात्रा-साहित्य को विशिष्टता प्रदान करती है। वे उनमें बाह्य यात्राओं के साथ अंतर्यात्राएँ भी करते दिखाई देते हैं। इन मात्रा-वृतांतों का शिल्प भी रचनात्मकता की दृष्टि से अत्यंत उत्कृष्ट है।