इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारत के रेगिस्तानी इलाकों में सूखे की समस्या से निपटने एवं किसानों की अनुकूलन क्षमता को बढ़ाने में वर्षा जल संग्रहण ढाँचा और बागवानी-चरागाह प्रणाली कारगर साबित हो सकती है। विवेचना करें। (200 शब्द)

    24 Oct, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    प्रश्न विच्छेद

    • भारत के रेगिस्तानी इलाकों में सूखे की समस्या से निपटने में वर्षा जल संग्रहण ढाँचा और बागवानी-चरागाह प्रणाली की प्रयोज्यता की चर्चा करनी है।

    हल करने का दृष्टिकोण

    • एक प्रभावी भूमिका लिखें।
    • रेगिस्तानी परिस्थितियों की संक्षिप्त चर्चा करते हुए उक्त प्रणाली की प्रयोज्यता को बताएँ।
    • प्रभावी निष्कर्ष लिखें।

    भारत के रेगिस्तानी इलाकों में विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में रहने वाले लोगों को सूखे की मार के चलते आजीविका की तलाश में इधर-उधर विस्थापित होना पड़ता है। इन क्षेत्रों में खेती के लिये प्रतिकूल दशा होने के कारण बागवानी को प्रोत्साहित करना अप्रासंगिक माना जाता रहा है। किंतु वर्तमान में इन क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण ढाँचा और बागवानी-चरागाह प्रणाली की सफलता ने सभी भ्रांतियों को दूर कर दिया है।

    भारत में 60 फीसदी से भी अधिक कृषि क्षेत्र सिंचाई के लिये वर्षा से प्राप्त जल पर निर्भर है। अत्यधिक कम वर्षा, मिट्टी में पोषक तत्त्वों की कमी तथा मिट्टी में नमी की काफी कम मात्रा के कारण बागवानी को प्रोत्साहित नहीं किया जा सका है। वर्तमान में परिस्थिति बदल चुकी है। सीपीआर पश्चिमी राजस्थान में बागवानी-चारा भूखंडों और वर्षा जल संचयन ढाँचा विकसित करने के लिये छोटे और हाशिये पर बैठे किसानों की मदद कर रहा है। केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान परिषद और विभिन्न किसान विकास केंद्रों द्वारा किसानों को नियमित आधार पर प्रशिक्षण और विशेषज्ञता उपलब्ध कराई जा रही है। विभिन्न प्रयासों द्वारा वर्षा जल संग्रहण ढाँचा और बागवानी-चरागाह भूखंड को छोटे और वंचित किसानों के लिये सुलभ बनाया गया है। घेवर राम और गौरी देवी का उदाहरण इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। वे जल संग्रहण ढाँचा और बागवानी-चरागाह प्रणाली को अपनाकर चारा, फल, सब्ज़ियाँ और कई अन्य उत्पाद प्राप्त कर रहे हैं।

    उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है कि रेगिस्तानी इलाकों में सूखे की समस्या से निपटने में इनका विशेष योगदान है। उक्त प्रणाली रेगिस्तानी इलाकों में सूखे की समस्या से निपटने एवं किसानों की अनुकूलन क्षमता को बढ़ाने में कारगर साबित हो रही है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2