राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर क्या है? हाल ही में इस पर असम द्वारा जारी किये गए मसौदे की चर्चा करते हुए इसके महत्त्व तथा संबंधित चुनौतियों पर प्रकाश डालें।
20 Aug, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा:
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भारत के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में भारतीय नागरिकों के नाम दर्ज़ हैं जो असम में रहते हैं। इसे वर्ष 1951 की जनगणना के बाद 1951 में ही तैयार किया गया। इसमें सिर्फ उन्हीं लोगों को भारत का नागरिक माना गया है जो बांग्लादेश बनने से पूर्व असम में बस गए थे ।
हाल ही में न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के मसौदे को प्रकाशित करने का आदेश दिया गया जिसके तहत पहला मसौदा 31 दिसंबर, 2017 को प्रस्तुत किया गया। असम में कई वर्षों से बांग्लादेशी अवैध प्रवासियों की पहचान व निर्वासन की मांग हो रही है। इसी के मद्देनजर कानूनीतौर पर भारत के नागरिक के रूप में पहचान करने हेतु असम में लगभग 3.29 करोड़ आवेदन प्रस्तुत किये गए जिसमें से 1.9 करोड़ लोगों को ही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में स्थान दिया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से असम में पनप रहे सामाजिक असंतोष को कम किया जा सकता है। वहीं, केंद्र तथा राज्य प्रायोजित योजनाओं के लाभों की सही पहुँच भी सुनिश्चित की जा सकेगी। असम में घुसपैठ के कारण बढ़ रहे उग्रवाद तथा तस्करी की समस्या का भी समाधान कुछ हद तक इस पहल में देखा जा सकता है।
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जहाँ उपरोक्त समस्याओं के हल के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है वहीं दूसरी ओर इसे लागू करने में कई चुनौतियाँ भी हैं, जैसे-