भारतीय संविधान सभी लोगों को रोज़गार का समान अवसर प्रदान करता है। इस संदर्भ में ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ की भूमिका पर प्रकाश डालें। (250 शब्द)
19 Oct, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
प्रश्न विच्छेद • सभी लोगों को रोज़गार के समान अवसर से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों को लिखें। हल करने का दृष्टिकोण • वर्तमान में रोज़गार से संबंधित विद्यमान चुनौतियों को बताते हुए उत्तर लिखें। |
वर्तमान भारत में बेरोज़गार युवाओं की बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय बनी हुई है जिसमें दिनों-दिन बढ़ोतरी ही देखी जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में संसाधनों की कमी, बढ़ती जनसंख्या और भारतीय अर्थव्यवस्था द्वारा रोज़गार का कम सृजन किया जाना इसके प्रमुख कारण हैं। हालाँकि सरकार द्वारा इस संदर्भ में कई उल्लेखनीय प्रयास किये गए हैं और रोज़गार सृजन हेतु कई योजनाएँ शुरू की गई हैं जिनमें प्रधानमंत्री रोज़गार निर्माण कार्यक्रम, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोज़गार योजना और कौशल विकास योजना प्रमुख हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान लोगों को रोज़गार के समान अवसर उपलब्ध कराने का प्रावधान करता है (अनु.16)। इस संदर्भ में सरकार का यह दायित्व है कि वह अपनी आर्थिक सामर्थ्य और संसाधनों के अनुरूप इस तरह की व्यवस्था करेगी। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए उपरोक्त योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है।
वर्ष 2015 में भारत सरकार द्वारा युवाओं के लिये रोज़गार को बढ़ावा देने व रोज़गार प्राप्त करने के लिये उन्हें योग्य बनाने हेतु प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का शुभारंभ किया गया था, जिसके माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
कुल मिलाकर, यदि देखा जाए तो आरंभ से लेकर अब तक (2 वर्षों में) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत कई युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इससे दक्ष युवाओं की संख्या में वृद्धि होगी तथा अर्थव्यवस्था में नए रोज़गारों का सृजन होगा। वर्तमान में इसके अंतर्गत 14 लाख रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। परंतु अभी भी यह अपेक्षित लाभ प्राप्त करने से कोसों दूर है। इस संदर्भ में इस योजना में विद्यमान चुनौतियों को चिह्नित कर उसे अपेक्षित लाभ प्राप्त करने योग्य बनाना होगा। साथ ही इसके क्रियान्वयन में तेज़ी लाना होगा जिससे तय उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।