अलाउद्दीन खिलजी द्वारा विभिन्न विभागों में शुरू किये गए सुधारों की चर्चा करें। सुधार किस सीमा तक सफल रहे इसका मूल्यांकन करें।
उत्तर :
प्रश्न विच्छेद
• पहला भाग अलाउद्दीन खिलजी द्वारा विभिन्न विभागों में शुरू किये गए सुधारों की चर्चा से संबंधित है। • दूसरा भाग सुधारों की सफलता की सीमा के मूल्यांकन से संबंधित है।
हल करने का दृष्टिकोण
• अलाउद्दीन खिलजी के सुधारों के विषय में संक्षिप्त उल्लेख के साथ परिचय लिखिये। • अलाउद्दीन खिलजी द्वारा विभिन्न विभागों में शुरू किये गए सुधारों की चर्चा कीजिये। • सुधारों की सफलता की सीमा का मूल्यांकन प्रस्तुत कीजिये। • उचित निष्कर्ष लिखिये।
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अलाउद्दीन खिलजी ने न केवल राज्य का विस्तार किया बल्कि उसने अपने सुधारों के ज़रिये एक प्रभावशाली शासन-तंत्र भी प्रदान किया।
अलाउद्दीन खिलजी द्वारा विभिन्न विभागों में शुरू किये गए सुधार निम्नलिखित हैं-
- अलाउद्दीन खिलजी ने एक बड़ी स्थायी सेना को बनाए रखा और उन्हें शाही खजाने से नकदी में भुगतान किया।
- सेना की अधिकतम दक्षता सुनिश्चित करने के क्रम में समय-समय पर सख्त समीक्षा की जाती थी।
- विद्रोहों के लिये मूल कारण मानते हुए शराब और दवाओं की सार्वजनिक बिक्री और सुल्तान की अनुमति के बिना सामाजिक समारोहों एवं उत्सवों को मनाना प्रतिबंधित कर दिया गया था।
- सैनिकों को नकद में वेतन देने की शुरुआत ने कीमत विनियमन के लिये प्रेरित किया जिसे सार्वजनिक रूप से बाज़ार सुधार के नाम से जाना जाता हैै।
- अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली में चार अलग-अलग बाज़ारों की स्थापना की जिनमें पहला अनाज के लिये; दूसरा कपड़ा, चीनी, सूखे फल, मक्खन और तेल के लिये; तीसरा घोड़ों, दासों और पशुओं के लिये तथा चौथा विविध वस्तुओं के लिये था।
- अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली का पहला सुल्तान था जिसने भूमि की माप के आदेश दिये थे। इसके भू-राजस्व सुधारों ने शेरशाह और अकबर हेतु भविष्य के सुधारों के लिये एक आधार उपलब्ध कराया।
- सुल्तान को सैनिकों का भुगतान नकद में करने हेतु सक्षम बनाने के लिये भू-राजस्व नकदी में एकत्र की जाती थी।
- अलाउद्दीन खिलजी ने घुड़सवारों एवं लिपिकों को डाक चौकियों पर नियुक्त किया जो सुल्तान को समाचार पहुँचाते थे।
- अलाउद्दीन खिलजी ने पुलिस विभाग और गुप्तचर पद्धति को ठोस रूप में संगठित किया। पुलिस विभाग में नए पदों का सृजन किया और योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति की। सुल्तान स्वयं भी गुलामों लड़कों को कीमतों की जाँच के लिये अनेक वस्तुओं को खरीदने के लिये भेजता था।
पक्ष-विपक्ष के उल्लेख के साथ सुधारों की सफलता की सीमा का मूल्यांकन निम्नलिखित रूपों में वर्णित है-
- अफसर काफी सावधानीपूर्वक कीमतों का सर्वेक्षण करते थे और निश्चित दरों का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों को सज़ा मिलती थी।
- यहाँ तक कि अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में अकाल के दौरान भी उसी कीमत को बनाए रखा गया था।
- अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में बड़े ज़मींदार भी भूमि कर देने से नहीं बच सकते थे।
- अलाउद्दीन की डाक व्यवस्था पर्याप्त कुशलता के साथ कार्यरत थी और इससे सुल्तान को विद्रोहों एवं युद्ध अभियानों के समाचार शीघ्रतापूर्वक प्राप्त होते थे।
- अलाउद्दीन के बाज़ार की सफलता का श्रेय बरीद एवं मुन्हियों जैसे सूचना प्रदाताओं को जाता है।
- राजस्व एकत्रीकरण में एक दोष त्रुटिपूर्ण वसूली थी जिससे बहुधा राशि बिना वसूल किये ही रह जाती थी।
- खालसा भूमि के विस्तार से निचले दर्जे के राजस्व कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हुई जिसमें अधिकांश भ्रष्ट-लुटेरे भी थे।
- यह स्पष्ट नहीं है कि दिल्ली के बाज़ार के नियम प्रांतीय राजधानियों और नगरों में भी लागू होते थे या नहीं।
समकालीन परिस्थितियों में अलाउद्दीन खिलजी द्वारा किये गए सुधार अहम स्थान रखते थे। हालाँकि कुछ त्रुटियाँ थीं, जिसमेें प्रणालियों का विकास के दौर में होना भी एक प्रमुख कारण था।