हाल के वर्षों में, देश में प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के एक के बाद एक कई मामले प्रकाश में आए, इसने युवाओं में निराशा व गुस्से का संचार किया। इस पूरे प्रकरण में सम्मिलित नैतिक मुद्दों की जाँच करें तथा इस समस्या के समाधान के लिये कुछ प्रभावी व नवाचारी उपाय सुझाएँ। (150 शब्द)
17 Oct, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नहाल के वर्षों में देश में प्रतियोगी परिक्षाओं से संबंधित भ्रष्टाचार के कई मामले प्रकाश में आए, जिनमें व्यापम घोटाला, एस.एस.सी. स्कैम आदि ने पूरे देश में छात्रों को उत्तेजित व आंदोलित कर दिया। इस प्रकार के प्रकरणों ने जहाँ एक ओर इन आयोगों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाया, वहीं दूसरी ओर, छात्रों में निराशा व गुस्से का संचार भी किया। इस प्रकार की घटनाओं ने कई नैतिक प्रश्नों को जन्म दिया जिस पर विमर्श किया जाना आवश्यक प्रतीत होता है।
युवा किसी भी राष्ट्र व समाज की प्रगति के प्रमुख इंजन होते हैं। अत: उनके हितों का प्रमुखता से ध्यान रखा जाना आवश्यक है। इस प्रकार की घटनाएँ देश की संस्थाओं के प्रति अविश्वास पैदा कर अराजक स्थिति को जन्म दे सकती हैं। अत: इस प्रकार के कृत्यों से सख्ती से निपटने की आवश्यकता है। इसके लिये निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं-