आधार, कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के प्रति प्रतिबद्ध है। हालाँकि अपनी कुछ व्यवस्थागत परिसीमाओं के चलते, यह एक उभरता हुआ सुरक्षा खतरा भी बन गया है। इसके निदान हेतु उपाय सुझाइये। (250 शब्द)
16 Oct, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 सामाजिक न्याय
प्रश्न विच्छेद • ‘आधार’ द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वन में लाया गया क्रांतिकारी परिवर्तन। • आधार की प्रणालीगत सीमाओं तथा उससे उत्पन्न सुरक्षा के खतरे। • इन खतरों से निपटने के उपाय। हल करने का दृष्टिकोण • आधार को संक्षेप में बताएँ। • आधार के महत्त्व को स्पष्ट करें। • आधार की प्रणालीगत सीमाओं को बताते हुए इससे उत्पन्न सुरक्षा संबंधी खतरों को स्पष्ट करें। • अंत में इन खतरों से निपटने के लिये उपायों को बताते हुए निष्कर्ष लिखें। |
आधार कार्ड एक अद्वितीय एवं डिजिटल पहचान है। इसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा भारत के नागरिको को प्रदान किया जाता है। यह 12 अंकों का पहचान पत्र होता है, जिसमें व्यक्तियों की जैविक एवं जनांकिकीय सूचनाएँ शामिल होती हैं।
आधार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के वादे को निम्नलिखित तथ्यों के माध्यम से देखा जा सकता है-
लेकिन निम्नलिखित प्रणालीगत समस्याओं के कारण आधार एक उभरते सुरक्षा खतरे के रूप में दिखाई देता है-
आधार से उत्पन्न सुरक्षा संबंधी चुनौतियों एवं शंकाओं के समाधान के लिये निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं-
वस्तुत: सकारात्मक उद्देश्य के लिये शुरू किया गया ‘आधार’ अपने क्रांतिकारी बदलावों के बावजूद कुछ अवसंरचनात्मक एवं प्रक्रियागत खामियों के चलते सुरक्षा संबंधी खतरा बन गया है। अत: इसकी प्रभावशीलता में वृद्धि के लिये आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिये।