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प्रश्न :
‘‘यूनानियों ने न केवल भूगोल के क्षितिज का विस्तार किया बल्कि इसे दृढ़ता भी प्रदान की।’’ स्पष्ट कीजिये।
10 Oct, 2019 रिवीज़न टेस्ट्स भूगोलउत्तर :
प्रश्न विच्छेद
• यूनानियों का भूगोल में योगदान।
हल करने का दृष्टिकोण
• संक्षिप्त भूमिका लिखें।
• भूगोल के विकास में यूनानियों के योगदान को बताएँ।
आरंभिक काल में भौगोलिक ज्ञान यूनान व एजियन सागर से घिरे देशों व द्वीपों तक ही सीमित था परंतु यूनानियों ने अपनी तीक्ष्ण बुद्धि से तथा जिज्ञासु स्वभाव व वैज्ञानिक अभिरुचि के कारण न केवल भौगोलिक ज्ञान का विस्तार किया बल्कि इसे एक विषय के रूप में स्थापित कर दृढ़ता भी प्रदान की। होमर से लेकर पोसीडोनियस जैसे विद्वानों ने भूगोल की विभिन्न विधाओं में अपना योगदान दिया।
यूनानियों ने न केवल भूगोल के ज्ञान का विस्तार एजियन सागर से स्पेन व गॉल, रूसी स्टेपी प्रदेश, सिंधु नदी व इथोपिया तक किया बल्कि उन्हाेंने गणितीय, भौतिक, ऐतिहासिक एवं प्रादेशिक भूगोल में भी अपना योगदान दिया। इरेटॉस्थनीज ने अपने पूर्ववर्तियों द्वारा विकसित गणितीय भूगोल को शीर्ष पर पहुँचा दिया। उसने पृथ्वी की गोलाभीय आकृति को सिद्ध कर दिखाया तथा उसके आकार के सही माप की गणना की। यूनानियों ने ही सर्वप्रथम अक्षांश एवं देशांतरों के जाल पर विश्व मानचित्र की रचना की। इन्होंने नील की बाढ़ों का कारण तथा डेल्टा निर्माण का अध्ययन किया एवं जलधाराओं द्वारा घाटियों के निर्माण को स्पष्ट किया।
अरस्तू ने उथले सागर तटों पर भूमि के विस्तार तथा डेल्टाओं के निर्माण की घटना को स्पष्ट किया। प्लेटो ने बताया कि यूनान की अनुपजाऊ बंजर भूमि पूर्वकाल में वन एवं उपजाऊ मृदा से ढकी थी तथा वर्तमान स्थिति मृदा निक्षालन का परिणाम है। यूनानियों ने समुद्र तट रेखाओं, उनके खारापन, तरंगों एवं ज्वार का अध्ययन कर उनके कारकों को स्पष्ट किया। इस प्रकार से यूनानियों ने भूगोल में अपने योगदान के द्वारा उसे दृढ़ता प्रदान की।
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