संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता प्राप्त करने में भारत के समक्ष कौन-सी चुनौतियाँ हैं? इस बात का भी परीक्षण कीजिये कि यदि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन जाता है तो इससे भारत को क्या लाभ होगा? (150 शब्द)
09 Oct, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
प्रश्न विच्छेद हल करने का दृष्टिकोण |
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) संयुक्त राष्ट्र का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिये उत्तरदायी है। परिषद में 5 स्थायी और 5 अस्थायी सदस्य होते हैं। वैश्वीकरण के पश्चात् भू-राजनीतिक संरचना में काफी परिवर्तन आ जाने से सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग उठती रही है। वर्तमान में भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता प्राप्त करने के प्रवल दावेदार के रूप में देखा जाता है।
भारत पिछले कई वर्षों से सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग करते हुए अपनी स्थायी सदस्यता के लिये कूटनीतिक प्रयास कर रहा है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यह विश्व की 17 प्रतिशत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है। संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरणीय क्षेत्र से लेकर पीस कीपिंग अभियानों तक भारत की उल्लेखनीय भूमिका रही है। भारत की सदस्यता के लिये फ्राँस सहित कई देशों का समर्थन भी प्राप्त है। इन तमाम दावेदारियों के बावजूद भारत की सदस्यता प्राप्ति के समक्ष निम्नलिखित बाधाएँ हैं:-
सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता से भारत को लाभ:
भारत सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का एक प्रबल दावेदार है। इसे प्रमुख देशों का समर्थन भी प्राप्त है लेकिन चीन सहित विश्व के कई देश इसका विरोध भी कर रहे हैं। स्थायी सदस्यता प्राप्त करने के लिये भारत को वैश्विक समुदाय में अपनी छवि और सुदृढ़ करनी होगी। देश का सामाजिक-आर्थिक विकास करना होगा। साथ ही समय-समय पर अपने दावे को भी प्रस्तुत करते रहना होगा।