भूगोल में ‘मॉडल’ निर्माण की आवश्यकता को स्पष्ट करते हुए उसका आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिये।
07 Oct, 2019 रिवीज़न टेस्ट्स भूगोल
प्रश्न विच्छेद • भूगोल में मॉडल निर्माण की आवश्यकता। • आलोचना के बिंदु। हल करने का दृष्टिकोण • भूगोल में मॉडल निर्माण की चर्चा करें। • मॉडल निर्माण की आवश्यकता को स्पष्ट करें। • मॉडल निर्माण का आलोचनात्मक विश्लेषण करें। |
‘मॉडल’ रचना एक ऐसी प्रक्रिया है जो सिद्धांतों का तर्कसंगत ढंग से परीक्षण करती है। यह एक सिद्धांत, नियम अथवा परिकल्पना है जो भौगोलिक दृष्टि से विश्व की यथार्थता तथा स्थान व काल के संदर्भ में तर्कसंगत विचार को शामिल करती है। यह भू-दृश्य एवं मानव-प्रकृति संबंध का सरल व आदर्श प्रस्तुतीकरण है।
पिछले कुछ दशकों में भूगोल में भौतिक, जैविक एवं अन्य सामाजिक विज्ञानों की भाँति मॉडल निर्माण पर भूगोलवेत्ताओं का ध्यान गया है। मॉडल पृथ्वी की सतह पर व्याप्त मानवीय एवं प्राकृतिक वातावरण के मध्य घटित अंतर्क्रियाओं को जानने का साधन हैं। अत: भूगोल में मॉडल निर्माण आवश्यक है, जिसे निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा समझा जा सकता है-
यद्यपि मॉडल दृश्य जगत की जटिल घटनाओं को समझने में सहायक है, तथापि इनमें कमियाँ भी हैं। इनकी रचना की विधि दोषयुक्त है। मॉडलों को सरल बनाने के प्रयास में शोधकर्त्ता विषमताओं को बहुत अधिक सरल बनाने अथवा कम सरलीकरण के मध्य फँस जाता है। कभी-कभी इस प्रयास से भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है तथा विद्यार्थी पूर्वानुमान से भटक जाता है। मॉडल समस्या के सरलीकरण के लिये बनाए जाते हैं परंतु जटिल तकनीकों के प्रयोग के कारण यह और अधिक जटिल हो जाते हैं। प्रत्येक स्थिति में इसका प्रयोग एक अन्य कमी है, जैसे- मानव व प्रादेशिक भूगोल में इसका प्रयोग अनुपयुक्त है। गणितीय परिकलन व सांख्यिकीय विधियों के प्रयोग की अधिकता के कारण भी इसकी आलोचना की जाती है।