अमेरिका ने अफगानिस्तान में स्थिरता एवं शांति सुनिश्चित करने में भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया है। क्या आपको लगता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका की अफगान नीति को लेकर नई दिशा से भारत को अफगानिस्तान के प्रति अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करना चाहिये? अपने दृष्टिकोण को उचित ठहराने के लिये उपयुक्त कारण बताइये। (150 शब्द)
03 Oct, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
प्रश्न विच्छेद • भारत की अफगानिस्तान नीति तथा अमेरिका की अफगान नीति के परिप्रेक्ष्य में उसमें बदलाव की आवश्यकता। हल करने का दृष्टिकोण • अफगानिस्तान में शांति एवं सुरक्षा स्थापित करने में भारत की भूमिका। • अमेरिका की अफगान नीति की चर्चा करें। • भारत को अमेरिकी नीति के परिप्रेक्ष्य में अपनी अफगान नीति में किस प्रकार का बदलाव करना चाहिये? |
हाल ही में अमेरिका की ट्रंप सरकार ने नई अफगान नीति की घोषणा की है। इस नीति में अफगानिस्तान में फैली अराजकता के लिये पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया गया है। नई अफगान नीति के तहत अमेरिका ने अफगानिस्तान में भारत की भूमिका के प्रति सहमति ज़ाहिर की है। अमेरिका चाहता है कि युद्ध से जर्जर अफगानिस्तान में भारत और ज़्यादा आर्थिक निवेश करे।
गौरतलब है कि भारत और अफगानिस्तान के द्विपक्षीय संबंध काफी अच्छे रहे हैं। 1990 के दशक में तालिबान सरकार के समय भारत का अफगानिस्तान सरकार से काफी मज़बूत रिश्ता था। वर्ष 2001 में तालिबान सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद पाकिस्तान ने अफगान तालिबान का सहारा लेकर अफगानिस्तान में भारत के प्रभाव को लगातार कम करने की कोशिश की है, फिर भी भारत वहाँ शांति और विकास के लिये लगातार प्रयत्नशील रहा है। यद्यपि भारत पहले से ही अफगानिस्तान में बांध और संसद भवन के निर्माण जैसी विकास परियोजनाओं में शामिल है लेकिन अमेरिका की अफगान रणनीति में नए दिशा-निर्देश के बाद अब भारत को अफगानिस्तान में अपने प्रभाव का और विस्तार करना चाहिये।
अफगानिस्तान के विकास में मुख्य भूमिका निभाने से भारत को लाभ:
भारत पहले से ही अफगानिस्तान की ढाँचागत विकास परियोजनाओं में शामिल है। अमेरिका की नई रणनीति के तहत अफगानिस्तान में भारत की भूमिका में विस्तार से भारत को सामरिक तौर पर बढ़त मिलेगी। चीन पहले से ही पाकिस्तान के माध्यम से संसाधनों से भरे पश्चिम एशिया में पहुँचना चाहता है। अफगानिस्तान के प्रति अपने दृष्टिकोण में विस्तार कर भारत को पश्चिम एशिया क्षेत्र में चीन को संतुलित करने में भी मदद मिलेगी।