भूमि पुनर्स्थापन में जलवायु परिवर्तन को सीमित करने और सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायता करने की काफी क्षमता है। विश्लेषण कीजिये।
27 Sep, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण
हल करने का दृष्टिकोण • परिचय में भूमि पुनर्स्थापन के बारे में बताइये। • जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में भूमि पुनर्स्थापन के लाभ बताइये। • अंततः निष्कर्ष लिखिये। |
जलवायविक कारकों अथवा मानवीय हस्तक्षेप के कारण भूमि अथवा मृदा की उत्पादक क्षमता में कमी आना भूमि अवक्रमण कहलाता है। वर्तमान में दुनिया की लगभग एक-चौथाई भूमि का अवक्रमण हो चुका है। इससे जैव-विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र में अतिक्रमण किये बिना सीमांत भूमि या पहले से अवक्रमित भूमि को उत्पादक कार्यों में प्रयोग में लाना और उत्पादक क्षेत्रफल का विस्तार करना भूमि पुनर्स्थापन कहलाता है।
अंतर्राष्ट्रीय संसाधन पैनल के एक नए अध्ययन के अनुसार, भूमि पुनर्स्थापन में जलवायु परिवर्तन को सीमित करने और सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करने की काफी क्षमता है। इस अध्ययन के अनुसार इससे सभी 17 सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
उदाहरण के लिये-
सुनियोजित भू-परिदृश्य पुनर्स्थापन से न केवल भूमि अवक्रमण में कमी आती है बल्कि कई अन्य सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय संसाधन पैनल द्वारा मार्च 2019 में जारी वैश्विक संसाधन आउटलुक रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि 90% तक जैव-विविधता की हानि और जल तनाव के साथ ही विश्व के आधे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिये प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और प्रयोग के तरीकों को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है। अत: अधिक संसाधन दक्षता सुनिश्चित करने में भी भूमि पुनर्स्थापन की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।