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प्रश्न :
पिछले कुछ वर्षों में भारत-बांग्लादेश संबंधों ने नई ऊँचाइयों को छुआ है, लेकिन अभी भी दोनों देशों को लम्बा रास्ता तय करना है। तर्क दीजिये।
23 Sep, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंधउत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण
• भारत-बांग्लादेश संबंधों के बारे में लिखिये।
• भारत-बांग्लादेश संबंधों के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू लिखिये।
• भारत- बांग्लादेश संबंधों की मज़बूती हेतु उपाय सुझाईये।
• संक्षिप्त निष्कर्ष लिखिये।
भारत के लिये बांग्लादेश अत्यंत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में जाने के लिये इसे पार करने की आवश्यकता पड़ती है तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों के विकास में यह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है गौरतलब है कि भारत ने बांग्लादेश को आज़ादी दिलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन भारत के अहम योगदान को यह कहकर झुठला दिया जाता है कि वह पाकिस्तान के संदर्भ में अपने हितों का पालन कर रहा था।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में तत्कालीन प्रगति-
- हाल के दिनों में भारत-बांग्लादेश संबंधों में अभूतपूर्व प्रगति देखने को मिली है, जहाँ बांग्लादेश ने सुंदरवन क्षेत्र में पावर प्लांट लगाना आरंभ किया है, वहीं भारत ने बांग्लादेश के कई उपक्रमों में उल्लेखनीय निवेश किया है।
- विदित हो कि आतंकवाद को पनाह देने वाले देश से दोनों ही देशों ने बराबर दूरी बना रखी है, उरी आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान को वैश्विक तौर पर अलग-थलग करने के भारत के प्रयासों के मद्देनज़र बांग्लादेश ने भी इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन में भाग लेने से मना कर दिया था।
भारत-बांग्लादेश संबंधों हेतु चुनौतियाँ-
- तीस्ता नदी जल-विवाद
- सीमा विवाद
- न्यू मूर द्वीप की समस्या
- शरणार्थी समस्या
- आतंकवाद
- भारत विरोधी गतिविधियाँ
भारत- बांग्लादेश संबंधों की मज़बूती हेतु उपाय-
- भारत के लिये आवश्यक है कि एलबीए के माध्यम से बांग्लादेश ने जो भी लाभ प्राप्त कियें हैं उनकी मार्केटिंग करे और द्विपक्षीय वार्ताओं में उनका इस्तेमाल करे।
- भारत वहाँ की जनता को यह बताए की बांग्लादेश की आज़ादी में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला भारत, बांग्लादेश के विकास में भी अहम् भूमिका निभाने को तैयार है।
- तीस्ता समझौता दोनों देशों के लिये एक अहम राजनीतिक ज़रूरत है। इससे मिलने वाले सियासी लाभों के ज़रिये भारत को बांग्लादेश में चीन के बढ़ते प्रभाव पर अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी।
इसके अतिरिक्त भारत-बांग्लादेश के मध्य द्विपक्षीय व्यापार में भी हाल के वर्षों में बढ़ोतरी के प्रयास किये गए हैं। साथ ही भारत ने बांग्लादेश के विकास में भी अपनी साझेदारी बढ़ाई है। गौरतलब है कि भारत पड़ोसी देशों के साथ सम्पर्क तथा अन्तः क्रिया बढ़ाने व इन देशों व भारत की जनता के बीच संवाद व सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने पर बल दे रहा है। भारत द्वारा अपने सीमावर्ती क्षेत्रों व इन देशों के मध्य संचार व यातायात ढाँचे के विकास पर बल दिया गया है।
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