महिलाओं के समक्ष विद्यमान निराशाजनक आर्थिक असमानता के परिदृश्य में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है क्योंकि वे अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक योगदान दे सकती हैं। तर्क दीजिये।
19 Sep, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भारतीय समाज
हल करने का दृष्टिकोण- • भूमिका में महिला श्रम बल की स्थिति का वर्णन कीजिये। • अर्थव्यवस्था में योगदान को लेकर महिलाओं के समक्ष विद्यमान चुनौतियाँ लिखिये। • श्रमशक्ति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु उपाय सुझाइये। • अंततः संक्षिप्त निष्कर्ष लिखिये। |
भारत जैसे देश में महिला श्रम बल भागीदारी को सही मायनों में अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, यदि देश की श्रमशक्ति में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के बराबर हो जाए तो इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 27 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। वर्ष 1977 से 2018 के बीच भारत में महिलाओं की श्रम शक्ति में 6.9% तक गिरावट पाई गई जो विश्व स्तर पर सर्वाधिक गिरावट है। यह श्रम बाज़ार में महिलाओं की भागीदारी की बदतर स्थिति को प्रदर्शित करती है।
अर्थव्यवस्था में योगदान को लेकर महिलाओं के समक्ष विद्यमान चुनौतियाँ -
श्रमशक्ति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु उपाय-
निष्कर्षतः महिलाओं के सामने विद्यमान विभिन्न चुनौतियों को दूर कर यदि उन्हें श्रम बल का भाग बनाया जाए तो देश निश्चित ही आर्थिक रूप से सशक्त होगा।