सरकार द्वारा सब्सिडी युक्त उड़ानों के माध्यम से दक्षिण-पूर्वी एशियाई स्थलों तक पहुँच बनाने की कोशिश की जा रही है। इस कथन के संदर्भ में उड़ान योजना को स्पष्ट करते हुए इसके उद्देश्यों की चर्चा करें।
29 Sep, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा
|
भारत सरकार ने उड़ान स्कीम से मिलने वाली सब्सिडी युक्त हवाई यात्रा के लाभ को अंतर्राष्ट्रीय सर्किट से जोड़ने का एक मसौदा जारी किया है। यह समग्र कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ देश में व्यापार, पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा तथा भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के निवासी जल्द ही दक्षिण-पूर्व एशिया के स्थलों के लिये भी सस्ती हवाई यात्रा का आनंद ले सकेंगे।
उड़ान (Ude Desh Ka Aam Naagrik-UDAN) योजना
क्षेत्रीय संयोजकता योजना ‘उड़ान’ 15 जून, 2016 को नागर विमानन मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय नागर विमानन नीति (National Civil Aviation Policy - NCAP) का एक महत्त्वपूर्ण घटक है तथा देश में क्षेत्रीय विमानन बाज़ार को विकसित करने की दिशा में एक नवोन्मेषी कदम है।
इसमें रुचि रखने वाले ऑपरेटर प्रस्ताव के द्वारा अभी तक संपर्क से नहीं जुड़े मार्गों पर संचालन शुरू कर सकते हैं। यह वैश्विक स्तर पर अपनी तरह की पहली योजना है जो क्षेत्रीय मार्गों पर सस्ती, आर्थिक रूप से व्यवहार्य एवं लाभप्रद उड़ानों को बढ़ावा देगी ताकि आम आदमी वहनीय कीमत पर हवाई यात्रा कर सके। इसके तहत विमान की आधी सीटों के लिये प्रति घंटा एवं 500 किमी. की यात्रा उड़ान हेतु अधिकतम 2500 रुपए किराया वसूला जाएगा और इससे एयरलाइनों को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी। इसमें मौजूदा हवाई-पट्टियों एवं हवाई अड्डों के पुनरुत्थान के माध्यम से देश के उन हवाई अड्डों पर भी कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी जो कम उपयोग में आते हैं अथवा जिनका उपयोग नहीं किया जाता है।
उद्देश्य
इस योजना के तहत राज्य सरकारें वित्तीय लाभों को पोषित करने के लिये ज़िम्मेदार होंगी। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिये इस मसौदा योजना के मुताबिक, राज्य सरकारें मार्गों की पहचान करेंगी और एयरलाइन ऑपरेटर इन मार्गों से संबंधित मांग का आकलन करेंगे तथा कनेक्टिविटी प्रदान किये जाने का प्रस्ताव पेश करेंगे।