आर्द्रभूमियों की पुनर्स्थापना का कदम पर्यावरण के लिये किस प्रकार हितकारी सिद्ध हो सकता है? इसके समक्ष विद्यमान चुनौतियों का वर्णन कीजिए।
11 Sep, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण
हल करने का दृष्टिकोण • आर्द्रभूमि का परिचय दीजिये। • आर्द्रभूमियों की पुनर्स्थापना हेतु किये जाने वाले प्रयासों का वर्णन कीजिये। • प्रमुख चुनौतियों का वर्णन कीजिये। • अंततः सारगर्भित निष्कर्ष लिखिये। |
नमी या दलदली भूमि वाले क्षेत्र को आर्द्रभूमि या वेटलैंड (Wetland) कहा जाता है। दरअसल, ये ऐसे क्षेत्र होते हैं जहाँ भरपूर नमी पाई जाती है। आर्द्रभूमि क्षेत्र वर्षभर आंशिक रूप से या पूर्णतः जल से भरा रहता है। चूँकि आर्द्रभूमियों को धरती की किडनी की संज्ञा दी जाती है तथा ये पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं, अतः इनका संरक्षण किया जाना अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिये केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्राथमिक रूप से 130 आर्द्रभूमियों को अगले 5 सालों में पुनर्स्थापित करने का निर्णय लिया है।
आर्द्रभूमियों की पुनर्स्थापना हेतु किये जाने वाले प्रयास इस प्रकार हैं-
आर्द्रभूमियों के संरक्षण से संबंधित चुनौतियाँ
निष्कर्षतः आर्द्रभूमियों की पुनर्स्थापना का कदम इनके संरक्षण को बढ़ावा देगा तथा इससे पर्यावरण सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी किंतु इसके लिये केंद्र व राज्यों के मध्य मज़बूत सहयोग की आवश्यकता है। आम जनता को भी इन वेटलैंड्स के संरक्षण के प्रति जागरूक बनाया जाना चाहिये। इसके अतिरिक्त वैज्ञानिक जानकारी योजनाकारों को आर्थिक महत्त्व और लाभ समझाने में मदद करेगी। अतः वेटलैंड्स के वैज्ञानिक महत्त्व के प्रति नीति-निर्माताओं को जागरूक करने का प्रयास किया जाना चाहिये।