पर्यावरण प्रभाव आकलन क्या है? इसके लाभों को स्पष्ट करते हुए वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिये।
01 Sep, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण
उत्तर की रूपरेखा
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पर्यावरण प्रभाव आकलन भारत में पर्यावरणीय निर्णय लेने की प्रक्रिया का एक महत्त्वपूर्ण घटक है, इसे प्रस्तावित परियोजनाओं के संभावित प्रभावों का विस्तृत अध्ययन माना जाता है।
EIA किसी प्रस्तावित विकास योजना में संभावित पर्यावरणीय समस्या का पूर्व आकलन करता है और योजना के निर्माण व प्रारूप निर्माण के चरण में उससे निपटने के उपाय करता है। यह योजना निर्माताओं के लिये एक उपकरण के रूप में उपलब्ध है, ताकि विकासात्मक गतिविधियों और पर्यावरण संबंधी चिंताओं के बीच समन्वय स्थापित हो सके। भारत में EIA का आरंभ 1978-79 में नदी-घाटी परियोजनाओं के प्रभाव आकलन से हुआ और कालांतर में इसके दायरे में उद्योग, ताप विद्युत परियोजनाएँ आदि को भी शामिल किया गया।
EIA के लाभ
पुनर्विकास परियोजनाओं में पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) की प्रक्रिया का उपयोग नागरिकों के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए बेहतर पर्यावरण के निर्माण हेतु प्रासंगिक है। इससे संबंधित तीन उपाय हो सकते हैं जो निम्न प्रकार से हैं-
EIA प्रक्रिया की निगरानी करने के लिये एक स्वतंत्र राष्ट्रीय पर्यावरण विनियामक की स्थापना की जानी चाहिये। साथ ही EIA पेशेवरों के प्रशिक्षण, प्रक्रियाओं पर मार्गदर्शन की व्यवस्था और अनुसंधान पर बल देना चाहिये ताकि पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके।