उच्च न्यायपालिका से संबंधित हालिया विवाद ने न्यायपालिका की साख व गरिमा को दुष्प्रभावित किया है। इस प्रकरण से संबंधित नैतिक मुद्दों की जाँच करें, साथ ही न्यायपालिका की गरिमा को सुनिश्चित करने के लिये कुछ प्रमुख उपायों की चर्चा करें। (250 शब्द)
21 May, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नहाल के वर्षों में उच्च न्यायपालिका (सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय) से संबंधित विवाद तथा उजागर हुए कुछ भ्रष्टाचार के मामलों ने न्यायपालिका की साख व गरिमा को गहरे स्तर पर दुष्प्रभावित किया है।
आज न्यायपालिका में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, अनियमितता ने लोकतंत्र के इस महत्त्वपूर्ण स्तंभ को कमज़ोर किया है और परिणाम स्वरूप न्यायपालिका की विश्वसनीयता कम हुई है।
हाल ही में न्यायपालिका की साख उस समय एक बार पुन: संदेह के घेरे में आ गई जब सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठ जजों ने मीडिया के समक्ष आकर ‘चीफ जस्टिस’ के कार्यों के प्रति असहमति व असंतोष जताया। यह देश के इतिहास में पहली घटना है जब सर्वोच्च न्यायालय के जजों का आंतरिक विवाद मीडिया के समक्ष आया। इस प्रकरण ने कई नैतिक प्रश्नों को जन्म दिया। जैसे-
सर्वोच्च न्यायालय देश में न्याय व संविधान का सर्वप्रमुख रक्षक है। आम जनता में इसे उच्च सम्मान व गरीमा प्राप्त है। अत: इसकी गरिमा व प्रतिष्ठा को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी सब की है, इस संबंध में निम्नलिखित प्रयास किये जा सकते हैं-