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प्रश्न :
‘कार्पोरेट सामाजिक जवाबदेही’ (CSR) की संक्षिप्त चर्चा करते हुए भारत में इससे संबंधित नियमों तथा इस क्षेत्र में हुई प्रगति पर टिप्पणी करें। (250 शब्द)
18 May, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
सामान्य अर्थो में ‘कार्पोरेट सामाजिक जबावदेही’ (CSR) कार्पोरेट घरानों का समाज के प्रति उत्तरदायित्व तथा जबावदेही को दर्शाता है। CSR व्यापारिक और औद्योगिक कंपनियों द्वारा अपनाया गया स्व-नियंत्रण है जिसके अंतर्गत वे ऐसे व्यापारिक मॉडल के अनुसार काम करती हैं जो कानून-सम्मत, नैतिक मानकों एवं अंतर्राष्ट्रीय रीति के अनुकूल हाें। इसके अंतर्गत कंपनी द्वारा कुछ ऐसे कार्य किये जाते हैं जो पर्यावरण, आम जनता, उपभोक्ता, कर्मचारी तथा शेयरधारकों पर कुछ सकारात्मक प्रभाव डालें।
भारत में CSR से संबंधित निश्चित कानूनी प्रावधान किये गए हैं। भारत विश्व का पहला देश है जहाँ कंपनियों को CSR पर निश्चित राशि खर्च करने की बाध्यता है। कंपनी एक्ट-2013 की धारा 135 CSR के संबंध में बात करता है। इसके अनुसार-
- प्रत्येक कंपनी जिसकी निवल संपत्ति 500 करोड़ या अधिक अथवा करोबार 1000 करोड़ या अधिक अथवा किसी वित्तीय वर्ष में निवल लाभ 5 करोड़ या अधिक है, वह एक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व समिति का गठन करेगा, जिसके बोर्ड में तीन या अधिक निदेशक होंगे और जिसमें कम-से-कम एक स्वतंत्र निदेशक होगा। यह बोर्ड CSR की रचना के संबंध में निर्णय लेगा।
- कंपनियों को अपनी कुल निवल लाभ का 2% CSR पर खर्च करना अनिवार्य है।
- CSR के तहत गरीबी उन्मूलन, कुपोषण मुक्ति, भुखमरी से मुक्ति, स्वास्थ्य स्वच्छता शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण आदि के क्षेत्र में कार्य किये जा सकते है।
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