हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई इलेक्ट्रॉनिक रूप से संप्रेषित मतदान प्रणाली (ETPBS) तथा प्रॉक्सी वोटिंग की संकल्पना को स्पष्ट करते हुए इसके महत्त्व को बताए।
16 May, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण: • संक्षिप्त भूमिका लिखें। • इलेक्ट्रॉनिक रूप से संप्रेषित मतदान प्रणाली तथा प्रॉक्सी वोटिंग की संकल्पना तथा महत्त्व को बताइये। • संक्षिप्त निष्कर्ष लिखें। |
भारत में निष्पक्ष तथा पारदर्शी चुनाव संपन्न कराने की ज़िम्मेदारी संविधान के द्वारा निर्वाचन आयोग को प्रदान की गई है। हाल ही में चुनाव आयोग ने चुनावों में तकनीकी प्रयोग को बढ़ावा देते हुए सेवाकर्मी मतदाताओं के लिये इलेक्ट्रॉनिक रूप से संप्रेषित मतदान प्रणाली की शुरुआत की है। इसके अलावा एनआरआई के लिये प्रॉक्सी वोटिंग की अनुमति प्रदान की है।
इलेक्ट्रॉनिक रूप से संप्रेषित मतदान प्रणाली सेवाकर्मी मतदाताओं को पोस्टल बैलट पेपर के इलेक्ट्रॉनिक रूप से त्वरित प्रेषण की वैकल्पिक विधि प्रदान करता है, इसमें सेवाकर्मी मतदाताओं की विशिष्टता के लिये क्यू.आर. कोड का उपयोग किया जाता है और प्रेषण की गोपनीयता सुनिश्चित करने हेतु ओ.टी.पी. एवं पी.आई.एन. का प्रयोग होता है। इसका विकास निर्वाचन आयोग द्वारा सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ट कंप्यूटिंग (C-DAC) की सहायता से किया गया है। इसका सर्वप्रथम प्रयोग 2016 में पुद्दुचेरी में नेल्लीथोप उप-चुनावों में किया गया था।
हाल ही में लोकसभा ने जनप्रतिनिधि संशोधन विधेयक, 2017 के माध्यम से धारा-60 में संशोधन करके अनिवासी भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग की अनुमति प्रदान की है। प्रॉक्सी वोटिंग के तहत एक पंजीकृत मतदाता अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग एक प्रतिनिधि के माध्यम से कर सकता है।
पोस्टल बैलट को इलेक्ट्रॉनिक डेटा फॉर्मेट में बदले जाने से इसकी पीठासीन अधिकारी तक रियल टाइम में पहुँच संभव हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ प्रॉक्सी वोटिंग की सुविधा अनिवासी भारतीयों को प्रदान करने से वे बिना परेशानी के मतदान प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
निष्कर्षत: यह कहा जा सकता है कि निर्वाचन आयोग द्वारा की गई दोनों पहलें निर्वाचन प्रक्रिया को सुदृढ़ करेंगी तथा वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में भी सहायक होंगी।