फ्राँस की राज्य क्रांति विश्व इतिहास की एक अवश्यंभावी घटना थी तथा क्रांति का स्रोत तत्कालीन सामाजिक जीवन के दोषों एवं सरकार की भूलों में निहित था। विवेचना करें। (250 शब्द)
06 May, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास
प्रश्न विच्छेद ♦ फ्राँस की राज्य क्रांति को विश्व इतिहास की अवश्यंभावी घटना मानने का कारण। ♦ क्रांति के स्रोत के रूप में तत्कालीन राष्ट्रीय जीवन के दोष एवं सरकार की भूलों को दिखाना है। हल करने का दृष्टिकोण ♦ संक्षिप्त परिचय लिखें। ♦ फ्राँस की क्रांति को विश्व इतिहास की अवश्यंभावी घटना मानने के कारण बताएँ। ♦ क्रांति के स्रोत के रूप में तत्कालीन राष्ट्रीय जीवन के दोषों एवं सरकार की भूलों को दिखायें तथा अंत में निष्कर्ष लिखें। एक बात पर विशेष रूप से ध्यान दीजिये कि यह आवश्यक नहीं है कि आपका उत्तर पैराग्राफ में ही लिखा हुआ हो, आप पॉइंट टू पॉइंट लिखने का प्रयास कीजिये। परीक्षा भवन में परीक्षक का जितना ध्यान आपके उत्तर के प्रस्तुतिकरण पर होता है उतना ही ध्यान इस बात पर भी होता है कि आप कम-से-कम शब्दों में (एक अधिकारी की तरह) अपनी बात को समाप्त करें। |
1789 की फ्राँसीसी राज्य क्रांति अपने स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व के आदर्श के कारण विश्व जगत के लिये आज भी प्रेरणा स्रोत है।
फ्राँस की क्रांति को विश्व की अवश्यंभावी घटना मानने के पीछे मुख्यत: दो कारण माने जा सकते हैं:
उपर्युक्त दोनों घटनाओं एवं इसके परिणामों से यह स्पष्ट हो गया कि निरकुंश एवं शोषणकारी व्यवस्था को समाप्त किया जा सकता है। अत: फ्राँस की क्रांति भी अवश्यंभावी हो गई। इसे तत्कालीन राष्ट्रीय जीवन के दोषों एवं सरकार की भूलों में देखा जा सकता है।
तत्कालीन राष्ट्रीय जीवन के दोषों को निम्नलिखित संदर्भों में देखा जा सकता है:
अंतत: विभिन्न अधिकारों की पुनर्व्याख्या तथा कर सुधार के प्रस्ताव को पास करने के लिये बुलाई गई स्टेट जनरल की बैठक से क्रांति की शुरुआत हुई क्योंकि इस समय तक परिस्थितियाँ नियत्रंण से बाहर हो चुकी थीं, जिसे एक दूरदर्शी एवं योग्य शासक द्वारा रोका जा सकता था।
निष्कर्षत: कहा जा सकता है कि फ्राँस की क्रांति एक अवश्यंभावी घटना थी जिसे तत्कालीन परिस्थितियों एवं सरकार की भूलों ने संभव बनाया।