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प्रश्न :
भावनात्मक समझ न केवल व्यक्ति के निर्णयन को प्रभावित करती है बल्कि पूरे समूह के निर्णयन को भी गहरे स्तर पर प्रभावित करती है। सोदाहरण स्पष्ट करें। (250 शब्द)
04 May, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
स्वंय की भावनाओं को पहचानने तथा दूसरों की भावनाओं को समझने और फिर इस ज्ञान का उपयोग कुशलतापूर्वक निर्णयन व कार्य की दिशा में करने की क्षमता को भावनात्मक समझ या भावनात्मक बुद्धि कहते हैं।
- भावनात्मक समझ व्यक्ति के निर्णय को गहरे स्तर पर प्रभावित करती है। भावनात्मक रूप से कुशाग्र व्यक्ति अपने भावावेश पर नियंत्रण रखते हुए दीर्घगामी हित-अहित सोचकर निर्णय लेता है, न कि केवल क्षणिक रूप में।
- इसी प्रकार एक समूह में लोगों के बीच पारस्परिक समझ एवं विश्वास रूपी पुल-निर्माण हेतु भावनात्मक समझ एक अनिवार्य शर्त है।
- जब लोगों का एक समूह एक साथ कार्य करता है तो उनमें भावनाओं का उठना स्वाभाविक है परंतु उनमें भावनाओं के प्रबंधन का गुण होना अनिवार्य है तभी समूह अपने निर्धारित लक्ष्य को कुशलता व दक्षता पूर्वक प्राप्त कर सकेगा।
- मान लीजिये किसी भयंकर प्राकृतिक आपदा के बाद राहत व पुनर्वास के लिये केंद्र व राज्य के विभिन्न विभागों में चर्चा हो रही है। इस कठिन वक्त में उनके बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है।
- सभी अधिकारी बेहतर रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं और किसी विभाग के प्रमुख को कोई बात पसंद नहीं आई और वह इसे अपने क्षेत्राधिकार का हनन समझते हुए क्रोध में गरमा-गरम बहस शुरू कर देता है।
बहस बढ़ती है और परिचर्चा मुख्य मुद्दे से भटक जाती है तथा एक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण निर्णय नहीं हो पाता है जिसे अविलंब लिया जाना आवश्यक था। स्पष्ट है कि एक व्यक्ति की निम्न भावनात्मक समझ ने पूरे समूह के निर्णयन को प्रभावित करते हुए पूरे समूह की उत्पादकता व परिणाम पर नकारात्मक असर डाला।
एक बात पर विशेष रूप से ध्यान दीजिये कि यह आवश्यक नहीं है कि आपका उत्तर पैराग्राफ में ही लिखा हुआ हो, आप पॉइंट टू पॉइंट लिखने का प्रयास कीजिये। परीक्षा भवन में परीक्षक का जितना ध्यान आपके उत्तर के प्रस्तुतिकरण पर होता है उतना ही ध्यान इस बात पर भी होता है कि आप कम-से-कम शब्दों में (एक अधिकारी की तरह) अपनी बात को समाप्त करें।
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