भीड़ हत्या (मॉब लिंचिंग) एक सभ्य व नैतिक समाज के लिये कलंक है। टिप्पणी करें। (250 शब्द)
उत्तर :
उत्तर का आरंभ एक संक्षिप्त भूमिका के साथ कीजिये।
- हाल के वर्षों में देश में भीड़ ने मॉब लिंचिंग या भीड़ हत्या के रूप में अपने वीभत्स अमानवीय रूप को कई बार दिखाया जिसने इंसानियत को शर्मसार करते हुए देश व समाज की साख को गहरे स्तर पर दुष्प्रभावित किया।
- एक सभ्य, लोकतांत्रिक तथा कल्याणकारी समाज में विधि व न्याय की सुव्यवस्थित मशीनरी मौजूद होती है। ऐसी स्थिति में भीड़ द्वारा अपनी मनमर्जी से न्याय व दंड तय कर लेना एक अराजक स्थिति को दर्शाता है।
- भीड़ हत्या की ये घटनाएँ समाज की एकता, अखंडता तथा विविधता के लिये गंभीर रूप से घातक हैं तथा समाज में एक अजीब भय का माहौल उत्पन्न करती हैं जो हमें पुरातन बर्बर परंपराओं की याद दिलाती है।
- भीड़ द्वारा सम्पादित ये घटनाएँ इसलिये भी अत्यधिक चिंताजनक हैं क्योंकि इनको प्रेरित करने वाले कारक व उद्देश्य दूषित हैं। इसका खतरनाक परिणाम यह होगा कि भावनात्मक स्तर पर भीड़ को भड़काकर विभाजनकारी शक्तियों द्वारा अपना उल्लू सीधा किया जाएगा, जो अंतत: एक ऐसी अराजक स्थिति को जन्म देगा जिसमें पूरा तंत्र ही ढह जाएगा।
उपरोक्त चर्चा के आधार पर निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि भीड़ हत्या किसी भी सभ्य समाज के लिये असह्य व कलंक के समान है।
एक बात पर विशेष रूप से ध्यान दीजिये कि यह आवश्यक नहीं है कि आपका उत्तर पैराग्राफ में ही लिखा हुआ हो, आप पॉइंट टू पॉइंट लिखने का प्रयास कीजिये। परीक्षा भवन में परीक्षक का जितना ध्यान आपके उत्तर के प्रस्तुतिकरण पर होता है उतना ही ध्यान इस बात पर भी होता है कि आप कम-से-कम शब्दों में (एक अधिकारी की तरह) अपनी बात को समाप्त करें।