नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    हिन्दी के प्रमुख यात्रा-वृत्तांतों का संक्षिप्त परिचय दो। (2014, प्रथम प्रश्न-पत्र, 8c )

    08 Jan, 2018 रिवीज़न टेस्ट्स हिंदी साहित्य

    उत्तर :

    यात्रा-वृत्तांत आधुनिक गद्य-विधा है। यह यात्रा अनुभवों व स्मृतियों के सृजनात्मक उपयोग पर आधारित है। हिन्दी साहित्य में यात्रा-वृत्तांत की उपस्थिति द्विवेदी युग में ही हुई। श्रीधर पाठक, उमा नेहरू व लोचन प्रसाद पांडेय द्वारा महत्त्वपूर्ण यात्रा-वृत्तांत लिखे गए।

    यात्रा वृत्तांत लेखन में राहुल सांकृत्यायन का अन्यतम स्थान है। उनकी महत्त्वपूर्ण रचनाएँ ‘तिब्बत में सवा वर्ष’, ‘मेरी यूरोप यात्रा’, ‘मेरी लद्दाख यात्रा’ हैं। उन्होंने यात्रा- वृत्तांत को महत्त्वपूर्ण विधा के रूप में प्रतिस्थापित किया।

    छायावादोत्तर युग के ‘यात्रा- वृत्तांत’ अपने पूर्ववर्ती युगों से अधिक संपन्न हैं। महेश श्रीवास्तव द्वारा लिखित ‘दिल्ली से मॉस्को’, नेहरू द्वारा रचित ‘आँखों देखा रूस’ बनारसी दास चतुर्वेदी द्वारा लिखित ‘रूस की साहित्यिक यात्रा’ आदि अत्यंत उल्लेखनीय हैं।

    इसी प्रकार दिनकर का ‘देश-विदेश’और ‘मेरी यात्राएँ’ में कश्मीर-गुजरात व यूरोप के स्थलों का भावप्रवण चित्रण प्रस्तुत किया गया है। अज्ञेय का ‘एक बूंद सहसा उछली’ व निर्मल वर्मा का ‘चीड़ों पर चांदनी’ में यूरोप प्रवास की साहित्यिक अभिव्यक्ति हुई है।

    समकालीन समय में हिन्दी का यात्रा साहित्य और समृद्ध हुआ है। आँखों देखा पाकिस्तान-कमलेश्वर, मोहनजोदड़ो- ओम थानवी, हमसफर मिलते रहे- विष्णु प्रभाकर, कितना अकेला आकाश- नरेश मेहता आदि उल्लेखनीय हैं।

    इन कृतियों के आधार पर हम कह सकते हैं कि यात्रा-वृत्तांत में वस्तु-वर्णन, दृश्यांकन, बिंब विधान और मनःस्थितियों के रेखांकन की क्षमता बढ़ गई है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow