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प्रश्न :
क्रिप्टो करेंसी क्या हैं? इनसे संबंधित जोखिमों पर प्रकाश डालते हुए उनके गुणों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (250 शब्द)
15 Apr, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
प्रश्न विच्छेद
♦ क्रिप्टो करेंसी क्या है?
♦ इसके गुण एवं दोषों को बताना है?
हल करने का दृष्टिकोण
♦ सर्वप्रथम परिचय दें।
♦ क्रिप्टो करेंसी को बताएँ।
♦ इससे उत्पन्न होने वाले जोखिम तथा इसके गुणों को बताएँ।
♦ अंत में सुझावात्मक निष्कर्ष लिखें।
वस्तु विनिमय प्रणाली के विकल्प के तौर पर सबसे पहले आहत मुद्रा का प्रचलन हुआ। इसके बाद करेंसी से होते हुए यह आज डिजिटल करेंसी तक पहुँच चुका है। क्रिप्टो करेंसी ही डिजिटल करेंसी है, जो अपने कई गुणों के बावजूद कई प्रकार की चिंताएँ भी उत्पन्न करती है।क्रिप्टो करेंसी किप्टोग्राफी प्रोग्राम पर आधारित एक डिजिटल करेंसी है। यह ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के आधार पर गोपनीय एल्गोरिदम के हिसाब से काम करती है। इसे डिजिटल वालेट में ही रखा जा सकता है।
क्रिप्टो करेंसी पीयर-टू-पीयर कैश सिस्टम है। इसके इस्तेमाल के लिये बैकिंग प्रणाली या किसी वित्तीय संस्थान की ज़रूरत नहीं पड़ती है। इसे किसी भी प्रकार की करेंसी-रुपया, डॉलर आदि में आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है। फोर्ब्स के अनुसार करीब 1,500 व्रिप्टो करेंसी इस समय चलन में हैं जिनका कुल मूल्य 550 अरब डॉलर है। जैसे- विटकॉइन, एथेरियम आदि व्रिप्टो करेंसी के रूप में विद्यमान हैं।
क्रिप्टो करेंसी के मूल्यांकन में अस्थिरता, तरलता की कमी तथा किसी विनियामक के अभाव में कई जोखिम उत्पन्न होते हैं, जैसे-
- देश की सुरक्षा संबंधी चिंताएँ। इस मुद्रा का प्रयोग अवैध व्यापार, आपराधिक गतिविधियों तथा आतंकवाद के वित्तपोषण के लिये किया जा सकता है।
- क्रिप्टो करेंसी की संपूर्ण व्यवस्था ऑनलाइन होने के कारण इसके हैक होने का खतरा बना रहता है।
- नियंत्रण एवं प्रबंधन के किसी उचित व्यवस्था के अभाव में इसमें निवेश करने के गंभीर दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं। कर चोरी की भी समस्या बढ़ सकती है।
- इससे पर्यावरणीय चिंताएँ भी उत्पन्न होती हैं। उदाहरण के लिये प्रत्येक बिटकॉइन लेन-देन के लिये लगभग 237 किलोवाट बिजली की खपत होती है और इससे प्रतिघंटा लगभग 92 किलो कार्बन का उत्सर्जन होता है।
- क्रिप्टो करेंसी से संबंधित जोखिम को देखते हुए आम बजट 2018–19 में वित्त मंत्री ने व्रिप्टो करेंसी को लीगल रेडंर नहीं माना है तथा कहा कि विटकॉइन जैसी करेंसी भारत में मान्य नहीं होगी।
यद्यपि क्रिप्टो करेंसी के अपने लाभ भी है, जो इसकी लोकप्रियता में वृद्धि का कारण है, जैसे-
- क्रिप्टो करेंसी के ज़रिये लेन-देन के दौरान छद्म नाम एवं पहचान बताई जाती है। इससे निजता बनाए रखने में मदद मिलती है।
- इसके लेन-देन में समय एवं धन दोनों की बचत होती है। इसके लिये न तो ‘थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन’ की आवश्यकता होती है और न ही किसी प्रमाण-पत्र की।
- क्रिप्टो करेंसी उपयोगकर्त्ता को राष्ट्रीय बैकिंग सिस्टम के प्रत्यक्ष नियंत्रण के बाहर धन के आदान-प्रदान का एक विश्वसनीय और सुरक्षित माध्यम प्रदान करता है।
- इसके अलावा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से कैशलेस अर्थव्यवस्था तथा वित्तीय समावेशन को बढ़ाया जा सकता है।
- क्रिप्टो करेंसी के महत्त्व को देखते हुए जापान में इसे वैध मुद्रा के रूप में मंज़ूरी प्रदान की गई है, तथा वेनेजुयला ने ‘पेट्रो’ नामक अपनी व्रिप्टो करेंसी जारी की।
अत: आवश्यकता है क्रिप्टो करेंसी के प्रभावी विनियमन के लिये कानून बनाना चाहिये, इसके माध्यम से विदेशों में होने वाले भुगतान को फेमा (Fema) के अंदर लाया जाना चाहिये ताकि उपभोक्ता के हितों का संरक्षण किया जा सके तथा आतंक के वित्तपोषण, मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी में क्रिप्टो करेंसी के प्रयोग को रोका जा सके।
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