क्या आप मानते हैं कि गदर विचारधारा की प्रकृति मूलत: समतावादी एवं जनतंत्रवादी थी और यह अपने दृष्टिकोण में पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष थी? सोदाहरण अपने तर्कों को प्रस्तुत करें। (250 शब्द)
10 Apr, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास
प्रश्न विच्छेद ♦ गदर विचारधारा को समतावादी एवं जनतंत्रवादी मानने का कारण। ♦ इसे धर्मनिरपेक्ष सिद्ध करने वाले तथ्य एवं उदाहरण। हल करने का दृष्टिकोण ♦ संक्षिप्त भूमिका। ♦ इसे समतावादी एवं जनतंत्रवादी मानने के पीछे तथ्य एव तर्क दें। ♦ धर्मनिरपेक्षता के संदर्भ में तथ्य एवं उदाहरण बताते हुए निष्कर्ष लिखें। |
गदर आंदोलन, गदर पार्टी द्वारा चलाया गया था। इसकी स्थापना सैन फांसिस्को में लाला हरदयाल द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से भारत को विदेशी दासता से मुक्त कराना था।
गदर विचारधारा की प्रकृति को समतावादी एवं जनतंत्रा वादी मानने के पीछे निम्नलिखित कारण है:
जहाँ तक गदर आंदोलन के दृष्टिकोण में धर्मनिरपेक्षता की बात है तो इसे निम्नलिखित संदर्भों में देखा जा सकता है-
‘‘न पंडित की ज़रूरत है, न मुल्ला की,
न फरियाद, न प्रार्थना गीत गाना है।’’
यद्यपि गदर आंदोलन अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में असफल रहा फिर भी यह कहा जा सकता है कि यह समतावादी एवं जनतंत्रवादी स्वरूप से युक्त था तथा इसने क्रांतिकारी राष्ट्रवादियों को धर्मनिरपेक्षता की प्रेरणा दी।