ग्रामीण अवसंरचना विकास के संदर्भ में किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा करें। सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का उल्लेख भी करें। (250 शब्द)
उत्तर :
भूमिका - भारत गाँवों में बसता है। भारत के लगभग 69 फीसदी लोग ग्रामीण हैं। विशाल ग्रामीण जनसंख्या की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और जीवन की गुणवत्ता को सुधारने के लिये ग्रामीण बुनियादी ढाँचे का सर्वांगीण विकास ज़रूरी है ताकि सामाजिक न्याय के साथ समान और सामवेशी विकास के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके। इस संबंध में ‘भारत निर्माण’ नामक एक विशिष्ट ग्रामीण बुनियादी ढाँचा कार्यक्रम वर्ष 2005 में शुरू किया गया था। कार्यक्रम के तहत छह घटक– सिंचाई, पेयजल, विद्युतीकरण, सड़क, आवास और ग्रामीण टेलीफोन शामिल थे।
व्याख्या –
सिंचाई अवसंरचना-
वर्ष 2016-17 के दौरान 99 चालू प्रमुख/मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को वरीयता के आधार पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY), त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP) के तहत जल्दी पूरा करने को प्राथमिकता दी गई। इसके साथ ही सूक्ष्म-सिंचाई तकनीकों का उपयोग करके सिंचाई में पानी के कुशल उपयोग की वकालत की गई है।
ग्रामीण पेयजल आपूर्ति-
- संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों के अनुरूप 2030 तक ‘हर घर जल’ यानी हरेक ग्रामीण घर को सुरक्षित एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने का देश का दीर्घकालिक लक्ष्य है। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (NRDWP) के द्वारा ग्रामीण पेयजल ढांचा तैयार करने और उसे बरकरार रखने पर तेज़ी से कार्य चल रहा है।
- इस समय यह सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है कि ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं (जैसे- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम, वाटरशेड विकास, जल निकायों के पुनरूद्धार) को एक साथ जोड़ा जाए और ज़रूरत के आधार पर ग्राम-स्तर की जल योजनाएँ एवं बजट तैयार किया जाए।
ग्रामीण स्वच्छता-
- सरकार और नागरिक समाज के लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत में 98 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र खुले में शौचमुक्त (ODF) हो गए हैं।
- स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 2014-15 से 2018-19 (दिसंबर, 2018) के बीच नौ करोड़ घरों में शौचालय बने हैं।
ग्रामीण विद्युतीकरण-
- दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अलावा सरकार ने देश के सभी घरों को बिजली उपलब्ध कराने के लिये प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना भी आरंभ की है। इस योजना के अंतर्गत चार करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है।
ग्रामीण सड़क-
- इसके लिये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लाई गई है, जो मुख्य नेटवर्क में अछूते रह गए पात्र आवासीय इलाकों को सभी मौसमों में उपयोग की जाने वाली एकल सड़क से जोड़ते हुए ग्रामीण संपर्क मुहैया कराती है। वर्ष 2000 से चल रही इस योजना में आरंभ से लेकर दिसंबर, 2018 तक 250 से अधिक और 500 से अधिक आबादी वाले 17.84 लाख पात्र संपर्क रहित आवासीय क्षेत्रों में से 15.80 लाख क्षेत्रों को पक्की सड़क से जोड़ा जा चुका है।
आवास-
- 2022 तक ‘सभी को आवास’ उपलब्ध कराने के सरकार के सपने को पूरा करने के लिये 1 अप्रैल, 2016 को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण’ आरंभ की गई। सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना में शामिल नहीं किये जाने वाले लोग इस योजना के अंतर्गत आ जाते हैं।
- प्रधानमंत्री अवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत पहले चरण (2016-17 से 2018-19) में एक करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य था।
ग्रामीण दूरभाष संपर्क-
‘भारतनेट परियोजना’ का लक्ष्य सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड संपर्क के ज़रिये जोड़ने के लिये नेटवर्क तैयार करना है।
निष्कर्ष- किसी देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिये बुनियादी ढाँचे का विकास बेहद ज़रूरी है। ग्रामीण बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने की कई परियोजनाओं को नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) के माध्यम से लागू किया जाता है। समावेशी और न्यासंगत विकास के लिये ग्रामीण भारत का विकास अनिवार्य है।