वित्तीय समावेशन के संदर्भ में सरकार द्वारा हाल ही में किये गए प्रयासों को रेखांकित करें। इस संदर्भ में ग्रामीण क्षेत्र के प्रोत्साहन प्रयासों पर भी चर्चा करें। (250 शब्द)
18 Mar, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाभूमिका- सरकार द्वारा वित्तीय समावेशन हेतु बजट तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के ज़रिये समाज के सबसे निचले स्तर के लोगों के विकास का कार्य किया जा रहा है। एक तरफ सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों को सशक्त बनाकर स्वरोज़गार और उद्यमिता की भावना को बढ़ावा दिया जा रहा है तो दूसरी ओर डिजिटाइज़ेशन और अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
व्याख्या- सरकारी बजटों में किसानों और अन्य ग्रामीण लोगों के लिये अनेक प्रोत्साहनों का प्रस्ताव किया जाता रहा है। वित्तीय समावेशन कार्यक्रम में बचत के अलावा तीन सबसे महत्त्वपूर्ण घटक हैं-लघु ऋण, पेंशन, बीमा। इसी संदर्भ में दो हेक्टेयर तक ज़मीन वाले किसानों के लिये 6000 रुपए वार्षिक पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) कार्यक्रम के तहत की गई है। जो पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित योजना है। किसानों को यह राशि तीन किश्तों में देने का प्रस्ताव है और इससे किसानों को सलाना 6000 रुपए की आर्थिक सहायता मिलने लगेगी। इस कार्यक्रम के बेहतर निष्पादन हेतु इसके अंतर्गत भू-अभिलेखों का डिजिटाइज़ेशन किया जाएगा और केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली धनराशि के अंतरण के लिये इसे बैंक खातों से जोड़ना होगा। चूँकि 12 करोड़ किसानों को जन-धन कार्यक्रम के अंतर्गत लाने का प्रस्ताव है इसलिये इसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा। इस कार्यक्रम से बेहद गरीब किसानों को अतिरिक्त आमदनी मुहैया कराई जाने से उनकी आकस्मिक आवश्यकताएँ भी पूरी होंगी (खासतौर पर फसल कटाई से पूर्व की आवश्यकताएँ) और किसानों के लिये सम्मानजनक तरीके से आजीविका की व्यवस्था का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
सरकार द्वारा हाल ही में 15000 रुपए मासिक से कम आमदनी वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिये एक बड़ी पेंशन योजना की घोषणा की गई है। इसके अंतर्गत आने वाले कामगार इस पेंशन योजना का सदस्य बनने पर 60 साल के हो जाने के बाद हर महीने 3000 रुपए पेंशन पा सकेंगे। इस योजना को ‘प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना’ नाम दिया गया है। संभवत: इससे 10 करोड़ असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों को फायदा होगा। उन्हें हर महीने सिर्प 55-100 रुपए मासिक का अंशदान करना होगा। सरकार भी अपनी ओर से इतनी ही राशि जमा कराएगी जिससे 60 वर्ष की उम्र के बाद उन्हें 3000 रुपए की मासिक पेंशन प्राप्त होगी। अन्य क्षेत्र के लोगों की पेंशन योजनाओं के लिये भी 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। ‘संशोधित राष्ट्रीय पेंशन योजना’ के नियमों पर अमल किया जा रहा है और सरकार का अंशदान 10% से बढ़ाकर 14% कर दिया गया है। डिज़िटल इंडिया मिशन को ध्यान में रखते हुए 1 लाख गाँवों के डिजिटाइज़ेशन की व्यवस्था की गई है। इससे जनधन-आधार-मोबाइल (जे.ए.एम.) और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) की उपयोगिता भी पुष्ट होती है।
निष्कर्ष- इस प्रकार ऐसा प्रतीत होता है कि हाल ही में किये गए सरकारी प्रयासों से वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन प्राप्त हो रहा है और दूर-दराज़ की ग्रामीण आबादी को भी इससे बल मिल रहा है।