नीति आयोग ने भारत की आज़ादी के 75वें वर्ष की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करते हुए व्यापक परिपत्र सामने रखा है- ‘‘स्ट्रेटजी फॉर न्यू इंडिया @75’’ । टिप्पणी करें (250 शब्द)
16 Mar, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थानीति आयोग ने भारत की आज़ादी के 75वें वर्ष की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करते हुए व्यापक परिपत्र सामने रखा है- ‘‘स्ट्रेटेजी फॉर न्यू इंडिया @75’’ । इस व्यापक दस्तावेज़ में 41 अध्याय हैं जिनमें अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों, मौजूदा स्थिति और अवरोध तथा न केवल 2022 तक भारत को 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने बल्कि अगले तीन दशक के लिये स्वच्छ, समावेशी और सतत् वृद्धि का ठोस आधार भी प्रस्तुत किया गया है। इन 41 अध्यायों में से 7 प्रशासन पर केंद्रित हैं। इनमें संतुलित क्षेत्रीय विकास, कानूनी, न्यायिक और पुलिस सुधार, आकांक्षी ज़िलों का विकास, लोक सेवा सुधार, नगर प्रशासन, भूमि संसाधनों का अधिकतम उपयोग और आँकड़ा आधारित प्रशासन जैसे विषय शामिल हैं। बाकी के अध्यायों में भी विशेषकर जो कि सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े हैं, को सुशासन, बेहतर सेवा उपलब्ध कराने और अधिक प्रभावी परिणामों की कुंजी माना गया है।
उदाहरण के तौर पर शिक्षा क्षेत्र में सुधार के प्रमुख सुझावों में समुचित निगरानी और जवाबदेही बढ़ाने के लिये प्रशासन को दुरुस्त किये जाने का परामर्श दिया गया है। इसीलिये राज्यों को शिक्षकों की योग्यता, उनकी अनुपस्थिति और प्रदर्शन के परिणामों पर समुचित नियमन के लिये एक मज़बूत तंत्र तैयार और विकसित करना होगा। इसके अलावा, शिक्षण और प्रदर्शन परिणामों का नियमित आकलन मंत्रालयों से अलग स्वतंत्र निकायों द्वारा किया जाना चािहये। एक अन्य सुझाव विशेष पहचान संख्या के साथ प्रत्येक बच्चे के अध्ययन परिणामों और अंतिम परीक्षा की जानकारी के लिये इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय शैक्षिक रजिस्ट्री तैयार करना है। इससे न केवल प्राथमिक शिक्षा के बाद बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की सूची तैयार करने में मदद मिलेगी बल्कि समाज के वंचित वर्गों तथा शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की ज़रूरतों पर भी ध्यान देना संभव हो सकेगा।
इसी तरह स्वास्थ्य क्षेत्र में परिपत्र चिकित्सा, नर्सिंग, दंत चिकित्सा और औषधि शिक्षा क्षेत्र से जुड़े प्रशासन में सुधार का परामर्श देता है। यह आयुष, नर्सिंग, दंत चिकित्सा और फार्मेसी परिषद के प्रस्तावित राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2017 के अनुरूप पुनर्गठन का भी सुझाव देता है। शिक्षा का मानकीकरण सुनिश्चित करने तथा शिक्षण संस्थानों, अध्यापन विधियों, चिकित्सा प्रोटोकॉल और कार्यबल प्रबंधन के लिये गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र बनाने के वास्ते सहयोगी स्वास्थ्य पेशेवर परिषद स्थापित करने का भी प्रस्ताव है।
इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि नीति आयोग द्वारा इस परिपत्र में भारतीय दशा और दिशा को बेहतर स्तर पर पहुँचाने हेतु एक व्यापक क्षेत्र के परामर्श तकनीक का प्रयोग किया गया है जो भारत को नई ऊँचाई तक पहुँचाने में मददगार साबित होगा।