नीति आयोग ने नए भारत के संदर्भ में अपने परिपत्र में लोक सेवा, कानूनी/न्यायिक और पुलिस सुधारों के बारे में अनेक सुझाव दिये हैं। चर्चा करें। (250 शब्द)
उत्तर :
प्रशासन में सुधार की अवधारणा मुख्य रूप से प्रशासनिक व्यवस्था, कानूनी/न्यायिक प्रणाली तथा कानून और व्यवस्था बनाए रखने हेतु सुधारों से जुड़ी है। देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में बदलाव, सेवाओं की आपूर्ति हेतु नए तंत्रों के विकास और विभिन्न अदालतों में 2 करोड़ 70 लाख से अधिक लंबित मामलों को देखते हुए प्रशासनिक सुधारों पर तत्काल विशेष ध्यान दिये जाने की ज़रूरत है। नीति आयोग ने नए भारत के संदर्भ में अपने परिपत्र में लोक सेवा, कानूनी/न्यायिक और पुलिस सुधारों के बारे में अनेक सुझाव दिये हैं। ये इस प्रकार हैं:
लोक सेवा सुधार
- आमूल-चूल परिवर्तन और अधिकारी आधारित कार्य संस्कृति को बढ़ावा देना।
- सेवाओं की तर्क संगतता और समुचित तालमेल से केंद्रीय और राज्य स्तरीय अलग-अलग लोक सेवाओं की मौजूदा 60 से अधिक की संख्या में कमी लाना।
- विशेषकर उच्च स्तरों पर विशेषज्ञों को लाकर पार्श्व प्रवेश को प्रोत्साहित करना।
- लोक सेवाओं में प्रवेश की उम्र कम करना।
- संभावित क्षेत्रों में म्युनिसिपल काडर और आउट सोर्स सेवा आपूर्ति मज़बूत बनाना।
- सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाकर सेवाओं की आपूर्ति, शिकायत निपटान और सूचनाओं तक लोगों की पहुँच के लिये समावेशी जनकेंद्रित ढाँचा विकसित करना।
- भ्रष्टाचार का पता लगाने और रोकथाम तथा साथ ही निष्ठावान लोकसेवकों की रक्षा के लिये संस्थागत तंत्रों को मजबूत कर प्रशासन में ईमानदारी सुनिश्चित करना।
न्यायिक सुधार
- केंद्र और राज्य के सभी मौजूदा कानूनों, नियमों और विनियमों का संग्रह तैयार करना।
- अनावश्यक कानूनों को रद्द करना और मौजूदा कानूनों की निषेधात्मक धाराओं को हटाना।
- पूर्व मध्यस्थता पर विशेष ध्यान देते हुए आपराधिक न्याय और प्रक्रियागत कानूनों में सुधार लाना।
- उल्लंघनों का आपराधिक लाभ उठाना रोकना और छोटे अपराधों (माइनर ऑफेंस) का एकीकरण।
- अदालती प्रक्रिया की स्वायत्तता को प्राथमिकता देना तथा इलेक्ट्रॉनिक अदालतें और मामलों के प्रबंधन के लिये सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग।
- न्यायिक प्रणाली में एक प्रशासनिक काडर शामिल करना।
पुलिस सुधार
- पुलिस बल का आधुनिकीकरण और मॉडल पुलिस अधिनियम 2015 लागू करना।
- राज्य पुलिस बल में महिलाओं का अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना।
- पुलिसकर्मियों के लिये आधुनिक प्रशिक्षण व्यवस्था, रिफ्रेशर पाठ्यक्रम लागू करना और उनकी शिक्षा जारी रखना।
- प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दायर करने की मौजूदा व्यवस्था में सुधार। छोटे अपराधों (माइनर ऑफेंस) के लिये ई-एफआईआर दायर करना।
- नागरिकों की सुरक्षा संबंधी आपात आवश्यकताओं के लिये एक साझा राष्ट्रव्यापी ‘आपात संपर्क संख्या’ की शुरुआत करना।
- साइबर अपराधों/साइबर खतरों और धोखाधड़ी से निपटने के लिये एक अलग काडर बनाना।