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प्रश्न :
निम्नलिखित पारिभाषित शब्दों के बीच विभेदन करें : (i) अंतःप्रज्ञा और अंतरात्मा (ii) प्रतिबद्धता और अध्यवसाय
17 Aug, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
(i) अंतःप्रज्ञा: किसी विषय को बिना तर्क-शक्ति के प्रयोग के सहज रूप से समझने की शक्ति अंतःप्रज्ञा कहलाती है। किसी आकस्मिक घटना के घटने से पूर्व या अचानक किसी व्यक्ति के साथ अंतर्क्रिया करते हुए हमारे अंतर्मन में सकारात्मक या नकारात्मक भाव अंतःप्रज्ञा से ही आते हैं।
अंतरात्माः उचित और अनुचित के मध्य विभेद की नैतिक शक्ति जो व्यक्ति के व्यवहार को निर्धारित करती है या दिशा देती है, उसे अंतरात्मा के रूप में देखा जाता है। बटलर के अनुसार, अंतरात्मा के दो पक्ष हैं- ज्ञानात्मक पक्ष, जो बताता है कि किसी विशिष्ट स्थिति में कौन-सा नियम या कर्म नैतिक है और कौन-सा अनैतिक। दूसरा, अधिकारात्मक पक्ष जो व्यक्ति पर दबाव बनाता है कि वह अंतरात्मा के निर्णय को स्वीकार करे और इसी के अनुरूप आचरण करे।
(ii) प्रतिबद्धताः प्रतिबद्धता किसी व्यक्ति का आंतरिक गुण होता है। व्यक्ति मूल्यों, विचारधारा या किसी कार्य के प्रति प्रतिबद्ध हो सकता है। उदाहरण के तौर पर एक लोकसेवक को वंचित समूहों को मुख्यधारा में लाने के लिये सामाजिक न्याय व कल्याणकारी उद्देश्यों के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिये।
अध्यवसायः अध्यवसाय से तात्पर्य है- किसी दूरगामी तथा कठिन उद्देश्य की प्राप्ति होने तक धैर्य तथा आंतरिक प्रेरणा बनाए रखना। बीच-बीच में आने वाली चुनौतियों तथा बाधाओं से हतोत्साहित करने वाली परिस्थितियों में अपनी आशावादी मानसिकता के साथ संघर्ष करते रहना।
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