एंजेल टैक्स से आप क्या समझते हैं? स्टार्ट-अप्स के क्षेत्र में इससे जुड़े विवादों को बताते हुए इसके समाधान हेतु सुझावों पर चर्चा करें।
13 Feb, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाभूमिका:
भारत में आयकर विभाग द्वारा ` 50 लाख से ` 2 करोड़ के बीच पूंजी जुटाने वाले 73% से अधिक स्टार्ट-अप्स को एंजेल टैक्स नोटिस भेजने से असहज स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई स्टार्ट-अप्स कंपनियों द्वारा आयकर कानून की धारा 56(2) (7B) के तहत एंजेल टैक्स के लिये भेजे गए नोटिस पर चिंता जतायी गई थी।
विषय-वस्तु
एंजेल टैक्स क्या है-
स्टार्ट-अप्स कंपनियों द्वारा बिजनेस में वृद्धि हेतु फंड जुटाया जाता है जिसके लिये पैसे देने वाली कंपनी या किसी संस्था को शेयर जारी किये जाते हैं। इस प्रकार शेयर बेचने से प्राप्त हुई अतिरिक्त राशि को इनकम मानते हुए उस पर जो टैक्स लगाया जाता है, उसे एंजेल टैक्स कहा जाता है। 2012 में शुरू किये गए इस एंजेल टैक्स का उद्देश्य धन शोधन को रोकना था। कोई छोटी स्टार्ट अप कंपनी जिसके पास पूंजी की बेहद कमी होती है, में धन निवेश करने वाला एंजेल निवेशक कहलाते हैं। ये कंपनी के संस्थापकों के साथ-साथ उनके व्यापार की अवधारणा में विकास करते हुए कंपनी को स्थापित करने के लिये आवश्यक पूंजी बतौर कर्ज देते हैं।
हम पाते हैं कि मनी-लॉर्डिंग पर अंकुश लगाने के लिये भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 56(2) (7B) के तहत प्रावधान किये गए हैं। इस अधिनियम के तहत आयकर विभाग स्टार्ट-अप्स द्वारा बेचे गए शेयरों से होने वाली उनकी आय पर टैक्स निर्धारण करने के लिये स्वतंत्र होते हैं। चूंकि निवेशकों को बेचे गए शेयरों की कीमत स्टार्ट-अप्स के शेयरों की वास्तविक कीमत से अधिक होती है, इसलिये ये टैक्स लगाया जाता है।
हालाँकि एंजेल टैक्स का इरादा न्यायसंगत दिखता है लेकिन इसके मानमाने स्वरूप के कारण अनपेक्षित परिणामों की स्थिति में लागत को कथित लाभों से अधिक दिखाया जा सकता है। केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना के द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 56 के तहत एंजेल इंवेस्टर के निवेश सहित ` 10 करोड़ तक के कुल निवेश वाली स्टार्ट-अप्स को टैक्स में छूट की इजाजत दी है। स्टार्ट-अप में स्टेक लेने के इच्छुक एंजेल इंवेस्टर की न्यूनतम नेटवर्य दो करोड़ रुपए होनी चाहिये या पिछले तीन वर्षों में ` 25 करोड़ से अधिक औस्त रिर्टन इनकम होनी चाहिये। जिन स्टार्टअप को आयकर अधिनियम की धारा 56(2) के तहत छूट मिली हुई है, उनपर आयकर विभाग द्वारा रोक लगा दी गई है। सरकार को अति शीघ्र एंजेल टैक्स के मुद्दे का समाधान तलाशने की आवश्यकता है क्योंकि इससे नए स्टार्ट-अप्स को काफी नुकसान होता है।
समाधान
निष्कर्ष
अंत में संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-